कक्षा दो तक के बच्चे क्षेत्रीय भाषाओं में ही करेंगे पढ़ाई
कक्षा दो तक के बच्चे क्षेत्रीय भाषाओं में ही करेंगे पढ़ाई
लखनऊ। प्रदेश में नए सत्र से कक्षा दो तक के बच्चों को क्षेत्रीय बोलियों में ही पढ़ाया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसकी जोरदार वकालत की गई है। कहा गया है कि प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम घर में बोली जाने वाली भाषा, मातृ भाषा या स्थानीय भाषा का प्रयोग ही सबसे अधिक उपयोगी है।
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जब बच्चे विद्यालय जाते हैं तो भाषा सीखने में असहज हो जाते हैं क्योंकि विद्यालय की मानक भाषा तथा घर व आसपास बोली जाने वाली भाषा अलग होती है लेकिन जब शिक्षक बच्चों से उनकी मातृभाषा या उनके आसपास बोली जाने वाली भाषा में बातचीत करते हैं तो बच्चों के लिए ज्ञान प्राप्त करना सरल, सहज और आनन्दमयी हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार क्षेत्रीय बोलियों में बच्चों के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर रही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक पवन कुमार कहते हैं-‘ इन शब्दकोषों में स्थानीय बोलियों के प्रचलित शब्दों को समाहित किया गया है। यह | शिक्षकों और बच्चों के लिए भी | उपयोगी होगी। इसके द्वारा शिक्षक बच्चों में सीखने की गति एवं कौशल को बढ़ाने में सक्षम बन सकेंगे। ‘