अंबेडकरनगर: कहीं सवा नौ बजे तक शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचे, तो कहीं छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की बजाए शिक्षक शिक्षिकाएं समूह में बैठकर बातें करते हैं। कहीं पढ़ाने की जगह शिक्षक मोबाइल पर बातें करते मिले। कहीं साफ-सफाई पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। ऐसी अनेक अव्यवस्थाएं बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह को नैली, डांड़ी महमूदपुर व सैदापुर के परिषदीय विद्यालय के निरीक्षण के दौरान मिलीं। बीएसए ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक दिन का वेतन रोकने और तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा। चेतावनी दी, यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने गत 11 अक्तूबर कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय नैली का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में प्रधानाध्यापक अनीता देवी, सहायक अध्यापक राम प्रसाद, बृजभान, सहायक अध्यापिका वंदना रानी व अमिता उपस्थित मिले। पंजीकृत 297 की तुलना में 146 छात्र-छात्राएं उपस्थित मिले। बच्चे विद्यालय परिसर के अंदर व बाहर खेल रहे थे। शिक्षक आपस में बातचीत में व्यस्त मिले। प्रधानाध्यापिका वित्तीय वर्ष 2019-20 व 2020-21 में खर्च की गई राशि का बिल वाउचर भी नहीं दिखा सकीं। विद्यालय परिसर में साफ-सफाई व्यवस्था भी बेपटरी मिली। नाराज बीएसए ने सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोक दिया।

इसके बाद बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय सैदापुर का निरीक्षण किया, तो शिक्षामित्र विमलावती शिक्षण कार्य के समय कक्ष में मोबाइल पर बातें करती मिलीं। इस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। एक दिन पहले 12 अक्तूबर को उच्च प्राथमिक विद्यालय डांड़ी महमूदपुर का निरीक्षण 9 बजकर 12 मिनट पर किया, तो कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। विद्यालय परिसर में गंदगी थी। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया।

बीएसए ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से संबंधित विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षामित्र से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। चेतावनी दी कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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