मरुस्थल से चलने वाली सूखी हवाएं झुलसाएंगी चमड़ी, मौसम विभाग ने दी ये चेतावनी, गर्मी से ऐसे करें बचाव

कानपुर:- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं रुक गई हैं। अब सिर्फ राजस्थान के थार मरुस्थल से झुलसाने वाली हवाएं आ रही हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विभाग ने कानपुर समेत आसपास के शहरों में तापमान के उछाल मारने और लू के थपेड़े तेज होने का अनुमान जारी किया है।आने वाले दो-तीन दिन में तपिश और बढ़ जाएगी। अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में गर्मी इंसानों और पशुओं दोनों के लिए तकलीफदेह हो सकती है। डायरिया, लू, पेट रोग समेत गर्मी की विभिन्न मौसमी बीमारियां और तेज होंगी। सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक धूप में न निकलने की सलाह दी गई है।

रविवार को उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज गति से चलती रहीं। मौसम विभाग ने धूल भरी हवाएं चलने का अनुमान भी जारी किया है।अधिकतम तापमान 24 अप्रैल के सामान्य औसत से 1.8 अधिक रहा है। न्यूनतम तापमान सामान्य के बराबर रहा। सीएसए के मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र खत्म होने से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं आना बंद हो गईं।कमजोर किस्म का पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में है, लेकिन इसका असर कानपुर परिक्षेत्र पर नहीं आ रहा है। चक्रवाती क्षेत्र न होने से थार मरुस्थल होकर आने वाली हवाओं की तपिश फिर बढ़ गई है। अभी तक बंगाल की खाड़ी की तरफ से आने वाली नम हवाएं गर्म हवाओं की तपिश कुछ कम दे रही थीं।

गर्मी से ऐसे करें बचाव

  • पानी खूब पीयें, दोपहर में बाहर निकलें तो पानी की बोतल साथ रखें।
  • काले कपड़े न पहनें, सफेद या हल्के रंग के पहने, अंगोछे का इस्तेमाल करें।
  • बच्चे को बुखार हो तो उसे कपड़े से लपेटकर न रखें, कमरे में ठंडक बनाए रखें।
  • दूध पिलाने के बाद हर बार बच्चे की बोतल को ढंग से साफ करें।
  • बोतल में बचा हुआ दूध दोबारा इस्तेमाल न करें।
  • सादा खाना खाएं, गरिष्ठ भोजन न करें, कटे-फटे फलों का सेवन न करें।

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