कई और संदिग्ध शिक्षकों पर लटकी तलवार

अब तक 67 शिक्षकों को किया जा चुका है बर्खास्त

20 दिनों के अंदर जनपद के दो शिक्षकों को दिखाया जा चुका है सेवा से बाहर का रास्ता

फर्जीवाड़ा में जनपद लगातार रहा है शासन के रडार पर

देवरिया। पिछले 20 दिनों के अंदर जनपद के दो शिक्षकों को कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वहीं, विभिन्न ब्लॉकों में अब भी कई ऐसे शिक्षक हैं, जिनके खिलाफ हुई शिकायतों की जांच आए हैं। चल रही है। जांच प्रक्रिया के तहत उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है।

वहीं, इन्हें अनंतिम नोटिस भी जारी किया गया है। हालिया कार्रवाई के बाद जिनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन चल रहा है, उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर जनपद लगातार शासन की निगाह में रहा है। इधर, दिसंबर व जनवरी माह में एक-एक शिक्षकों के फर्जीवाड़े में पकड़ में आने और बर्खास्तगी के बाद जांच की आंच में कुछ और शिक्षक 16 दिसंबर को गौरीबाजार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर के प्रधानाध्यापक रहे रामसमुझ को एवं छह जनवरी को इसी क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय अकटहिया के सहायक अध्यापक जितेंद्र कुमार मिश्र को किसी अन्य के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का दोषी सत्यापन प्रक्रिया में पाया गया।

मानव संपदा पोर्टल पर किसी अन्य के शैक्षिक प्रमाणपत्रों से इनके प्रमाणपत्र मैच हुए तो इनकी पोल खुली और तब इनके खिलाफ जांच कार्रवाई तेज हुई।

इधर, भागलपुर विकास खंड के छह, गौरीबाजार के दो, रुद्रपर व बरहज के एक-एक, सलेमपुर के दो, देसही दवेरिया के तीन शिक्षकों ही रहते हैं। के खिलाफ सत्यापन की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। इन्हें विभाग की ओर से अनंतिम नोटिस भी जारी किया गया है।

बर्खास्त शिक्षकों से वेतन की रिकवरी बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती बन गई है। पिछले पांच वर्षों के अंदर जनपद के 67 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।

इन पर विभाग ने वेतन मद में पांच वर्ष में 25 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है। इनसे रकम की वसूली कब होगी, यह बताने में अधिकारी हमेशा हिचकते महानिदेशक शिक्षा ने 15 दिन पहले ही विभागीय समीक्षा में ऐसे शिक्षकों से रिकवरी का आदेश दिया था। हालांकि, जनपद के अधिकारी रिकवरी के लिए क्या खाका होगा, इसके लिए क्या तैयारी होगी। इस संबंध में विभाग की ओर से अभी तक कोई योजना नहीं बन पाई है।

“दिसंबर व जनवरी में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे गौरीबाजार क्षेत्र के दो शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। कुछ अन्य ब्लॉकों के शिक्षकों के संबंध में मिली शिकायतों की जांच के तहत उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। उनका वेतन बाधित कर उन्हें अपना पक्ष रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।” -हरिश्चंद्र नाथ, बीएसए

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