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इस साल समय से बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने की कवायद, टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में


इस साल समय से बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने की कवायद, टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में

शासन ने पहले से की तैयारी, टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में

इस सत्र में अक्तूबर तक बच्चों के बीच हुआ किताबों का वितरण

सिद्धार्थनगर:- परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र में किताब वितरण की तैयारी मार्च में ही पूरी हो जाएगी। बीएसए की ओर से शासन स्तर पर किताबों का ब्योरा भेज दिया गया है। जिससे जो किताबें वितरित होनी हैं वह समय से मिल जाएं। बीत रहे सत्र में अक्तूबर तक किताबों का वितरण ही होता रहा है। माना जा रहा है कि इसके पीछे कोविड़ संकट के कारण तैयारी नहीं हो पाई और फिर यूक्रेन युद्ध से प्रकाशकों को कागज मिलने में दिक्कत हुई। इससे आपूर्ति पिछड़ गई थी।

इस बार जनपद के 2262 परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 3.82 लाख बच्चों को अप्रैल में सत्र के पहले दिन ही उपलब्ध कराने की कसरत शुरू हो गई है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इस बार किताबों के वितरण में देरी न हो इसके लिए अभी से तैयारी हो गई है। कक्षा एक से तीन तक के छात्रों के लिए एनसीईआरटी की किताबों को लागू किया जाएगा। जिसकी आपूर्ति एनसीईआरटी से होगी। इसके अलावा कक्षा चार से आठ तक के बच्चों को 2023-24 में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा।

हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी माध्यम की किताबें समय से खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। प्रकाशकों को पुस्तकों व कार्य पुस्तिकाओं का क्रय आदेश जारी कर दिया गया है।

“अभी तक यह थी व्यवस्था’

आमतौर पर नौनिहालों को अप्रैल में पुस्तकें नहीं मिल पाती थी। पुरानी किताबों के जरिए नौनिहालों की पढ़ाई कराई जाती थी। वह पुराने नौनिहालों से पुस्तकें स्कूल में जमा करवा लेते थे। उसके बाद अगली कक्षा में आए नौनिहालों को वितरित कर देते थे। इस दौरान नौनिहाल फटी पुरानी किताबों के जरिए अपनी पढ़ाई करते थे।

मार्च तक पहुंच जाएंगी किताबें

जिले के 2262 स्कूलों के 3.82 लाख छात्रों की किताबें पहली अप्रैल से मिलना शुरू हो जाएंगी। शासन ने प्रकाशक तय करके पुस्तकों की आपूर्ति के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। यानी मार्च 2023 तक आपूर्ति करनी होगी जबकि कार्य पुस्तिकाओं की आपूर्ति भी अप्रैल में कर दी जाएगी।

वितरण और ढुलाई लिए स्थल तय

सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों और समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों व सहायता प्राप्त मदरसों में पड़ रहे बच्चों को निशुल्क किताबें व कार्य पुस्तिकाएं मुहैया होंगी। पुस्तकों की आपूर्ति के बाद जिले में उनके भंडारण और विद्यालय के वितरण के लिए ढुलाई आदि के लिए स्थान निर्धारित कर दिया गया है।

“परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की पढ़ाई के लिए पुस्तकों को खरीदने का आदेश जारी हो गया है। इस बार समय से नौनिहालों को पुस्तकें मिलेंगी। इससे वह बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।”-देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए


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