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माध्यमिक शिक्षा निदेशक हटे,नकल माफिया पर नकेल न कसने के कारण हटाए गए


लखनऊ:- माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय को हटा दिया गया है। उन्हें साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू, प्राच्य भाषाएं के निदेशक के पद पर भेजा गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद का कार्यभार अपर परियोजना निदेशक सरिता तिवारी को सौंपा गया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है।बलिया में पेपर लीक कांड के बाद ही विनय कुमार पाण्डेय को हटाने की पटकथा लिखी जाने लगी थी। उसी समय संकेत मिलने लगे थे कि श्री पाण्डेय को हटा दिया जाएगा। उन्हें 2018 में निदेशक के पद का कार्यभार सौंपा गया था। 2021 में उन्हें प्रोन्नत कर निदेशक बनाया गया। बीते पांच सालों से यूपी बोर्ड को नकलविहीन छवि बनाने में राज्य सरकार सफल रही थी लेकिन इस वर्ष पेपर लीक कांड हो गया। 24 जिलों में पेपर दोबारा लिया गया। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया था।

बर्खास्त होने के बाद फिर तैनात किए गए थे

श्री पाण्डेय पहले इसलिए भी विवादों में रहे हैं। उन्हें विभाग ने बर्खास्त कर दिया था लेकिन उन्हें हाईकोर्ट ने राहत दे दी और वह पुन: सेवा में आ गए। बहाल होने के छह महीने के भीतर उन्हें कार्यवाहक निदेशक बना दिया गया था। विनय कुमार पाण्डेय 1990 में नौकरी में आए थे। वह वेटिंग लिस्ट का हिस्सा थे और पद खाली होने पर तैनाती मिली। नियम है कि एक वर्ष के भीतर चयनित व्यक्ति वापस आ जाए तो वेटिंग लिस्ट से आए अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी जाती है। लोक सेवा आयोग ने उनके चयन को रद्द कर दिया लेकिन इस पर उन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिल गया और वह फिर से काम करने लगे। उन्हें पदोन्नतियां भी मिलती रहीं। अक्टूबर 2016 को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए सेवा से हटाने का आदेश दिया लेकिन यह मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। फिर फरवरी 2018 में उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी हुआ लेकिन उन्हें फिर से हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया और अगस्त 2018 में वह कार्यवाहक निदेशक बना दिया गया।


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