गांव में डिजिटल साक्षरता और वैज्ञानिक वातावरण विकसित करने की जरूरत
लखनऊ:- विज्ञान प्रौद्योगिकी से देश की तरक्की संभव है। शोध, विज्ञान और तकनीकी सुविधाएं बढ़ने से ही देश का विकास होगा। ग्रामीण भारत के विकास के लिए गांव में डिजिटल लिटरेसी और वैज्ञानिक वातावरण विकसित करने की आवश्यकता है। यह बातें शुक्रवार को बीबीएयू में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहीं। उन्होंने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि उत्पाद बढ़ाया जा सकता है। कार्यक्रम विवि के कुलपति प्रो. संजय सिंह के संरक्षण में आयोजित किया गया।
प्राचीन परंपरा को दोबारा लागू करना होगा
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं विकास पर आयोजित विज्ञान कांग्रेस में डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि 21वीं सदी पर्यावरण के लिहाज से बेहद चिंताजनक है। हमें देश की प्राचीन ज्ञान परंपरा को फिर से लागू करने की जरूरत है। जहां भगवान का अर्थ भूमि, गगन, वायु, अग्नि और नीर से है। भारत पर हुए हमलों ने हमारी उस सम्पन्न ज्ञान पद्धति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया। आज उसका परिणाम पूरा विश्व भुगत रहा है। हमारी प्राचीन ज्ञान पद्धति ही हमें सभी पर्यावरणीय समस्याओं से बचा सकती है और विश्व का कल्याण कर सकती हैं।
आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है! https://chat.whatsapp.com/IRUs0CxSY0d7zubM2XU1C9 टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat