49 शिक्षकों के संबद्धीकरण पर महानिदेशक सख्त

बीएसए से जवाब तलब, शिक्षकों के पदस्थापन का ब्योरा मांगा

लखीमपुर खीरी। जनपद में 49 शिक्षकों को उनकी तैनाती वाले मूल विद्यालयों से अलग दूसरे विद्यालयों में संबद्ध किए जाने पर 5 महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय र किरन आनंद ने कड़ा रुख अपनाते हुए बीएसए से जवाब तलब किया है। शिक्षकों के दूसरे विद्यालयों में संबद्धीकरण पर काफी समय पहले रोक लगाई जा चुकी है। महानिदेशक ने 69 हजार व 68500 शिक्षक भर्ती और अंतरजनपदीय स्थानांतरण से नियुक्त हुए शिक्षकों के पदस्थापन का ब्योरा मांगा है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बीएसए के माध्यम से प्राप्त सूचना में पाया गया है कि प्रदेश के 440 शिक्षक अपने मूल विद्यालय से अलग किसी अन्य विद्यालय में संबद्ध हैं। इससे प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं मूल विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों को समुचित पठन-पाठन से वंचित रहना पड़ता है। उन्होंने कहा है कि जून 2022 को निर्देश दिए जा चुके हैं कि किसी शिक्षक का संबद्धीकरण न किया जाए। इसके बावजूद लखीमपुर खीरी, रामपुर, वाराणसी, सोनभद्र समेत 19 जनपदों में शिक्षकों को शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए लगाया गया है।

“जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई है और न ही प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का प्रमोशन किया गया है। इससे उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है और कई विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं है। शिक्षक विहीन विद्यालयों में कुछ शिक्षकों को संबद्ध किया गया था, जिन्हें अब मूल पदस्थापित विद्यालयों में वापस भेजा जाएगा।”-लक्ष्मीकांत पांडेय, जिला बेसिक – शिक्षा अधिकारी

उन्होंने पूर्व में हुई शिक्षक भर्तियों व अंतरजनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों की तैनाती के संबंध में ब्योरा मांगा है। साथ ही महानिदेशक ने सवाल किया है कि इनकी तैनाती शिक्षक विहीन विद्यालयों में क्यों नहीं की गई। नई नियुक्ति वाले शिक्षकों को जिन विद्यालयों में तैनात किया गया है, उनका नाम, छात्र संख्या, पूर्व में तैनात शिक्षकों की संख्या का ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक ने बीएसए को सचेत करते हुए निर्देश दिए हैं कि मूल विद्यालय से इतर संबद्ध सभी शिक्षकों का संबद्धीकरण तत्काल समाप्त करते हुए प्रमाण पत्र भेजें कि जनपद के सभी शिक्षक अपने मूल पदस्थापित विद्यालय में ही कार्यरत हैं। यह प्रमाण पत्र एक सप्ताह में भेजने के निर्देश दिए हैं।

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