लखनऊ:- बेटियां पढ़ाई में अव्वल हो रही हैं, 80 फ़ीसदी मेडल पर बेटियां कब्जा जमा रही है। यह खुशी की बात है, बदलाव हो रहा है, अच्छा लग रहा है, बेटियां मेहनत का पैगाम फैला रही है। पर बेटे क्यों पिछड़ रहे हैं?  विशेषज्ञ इसके कारण तलाशे, ताकि समय पर बेटों के पिछड़ने की वजह का पता लगाकर सुधार किया जा सके।

यह चिंता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जाहिर कीकेजीएमयू के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नारी शक्ति आगे बढ़ रही है उन्होंने कहा कि अब तक वह 30 विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में भाग ले चुकी हैं। उन्होंने रोबोट सर्जरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इसका इस्तेमाल बढ़ाने की जरूरत है ताकि नई तकनीक मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में अधिक कारगर साबित हो सकती है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना से बेटों के पिछड़ने के कारण पता लगाने के लिए कहा।

अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतीय

केजीएमयू के डॉक्टर देश दुनिया में छाये हैं। अमेरिका में तो हर सातवां डॉक्टर भारतीय है। राज्यपाल ने केजीएमयू जॉर्जियन का पोर्टल बनाने की जरूरत बताई ताकि देश भर के डॉक्टर उससे जुड़ सकें। डॉक्टर उसमें नई तकनीक साझा करें ताकि मरीजों को सस्ता इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अच्छा इंसान बने। मरीजों का दिल जीते मानव सेवा का मार्ग चुने मरीज मेडिकल केस नहीं हैं वे पीड़ा के साथ आते हैं इसलिए डॉक्टर करुणा के साथ पेश आये।

मरीजों की सेवा कर शोहरत हासिल करें

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भौतिक सुखों का आनंद लेकर डॉक्टर शोहरत नहीं हासिल कर सकते हैं। डॉक्टर अधिक से अधिक मरीजों को बेहतर इलाज कर ख्याति प्राप्त कर सकते हैं। भौतिक सुख तात्कालिक होता है सेवा से संतुष्ट प्राप्त की जा सकती है। डॉक्टर आचरण और व्यवहार पर विशेष ध्यान दें डॉक्टर भगवान के बाद लोगों को जीवन देते हैं इस ओर ध्यान देना चाहिए। पश्चिमी देशों ने मेडिकल में काफी तरक्की की है हमने शोध करें। उन्होंने कहा कि गुजरे वर्षों में प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई भाई इलाज के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल किए हैं। भाजपा सरकार से पहले प्रदेश में एमबीबीएस की सरकारी व निजी हास्पिटल में 4520 सीटें थी 5 वर्षों में सीटों की संख्या बढ़कर 8128 हो गई है।


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