69,000 शिक्षकों की भर्ती: गलत प्रश्न हल करने वाले अभ्यर्थियों को मिलेगा एक अंक
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की याचिका खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती के दौरान एक गलत प्रश्न के विवाद का अंत करते हुए कहा और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 25 अगस्त, 2021 के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया।
छह जनवरी, 2019 को हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने परीक्षा में पूछे गए छह प्रश्नों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इनमें एक प्रश्न ऐसा था, जिसके चारों विकल्प गलत थे। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त, 2021 के आदेश में पांच प्रश्नों के बारे में हस्तक्षेप से गलत थे और जिन अभ्यर्थियों ने उसे हल करने की कोशिश की थी, उन्हें नंबर दिए जाएं। शर्त यह थी कि ऐसे अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर की हो और एक नंबर से फेल हो रहे हों। हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
लगभग 1000 अभ्यर्थी बनेंगे शिक्षक
प्रयागराज / लखनऊ। उत्तर कुंजी विवाद में शीर्ष अदालत का फैसला अभ्यर्थियों के अनुकूल आ गया है। यह लाभ शिक्षक भर्ती के बाल मनोविज्ञान के प्रश्न में मिला है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों का चयन एक नंबर से रुक रहा था उनकी भर्ती का रास्ता साफ हो गया। इस फैसले से करीब एक हजार अभ्यर्थी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। जबकि करीब पांच हजार अभ्यर्थियों ने इसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के 25 अगस्त, 2021 के ऑर्डर को सरकार ने 7 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। निर्णय आने के बाद अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी इस पर आगे की कार्यवाही करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि फैसले का लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों का ब्योरा जल्द बेसिक शिक्षा विभाग को दिया जाएगा और फिर विभाग मेरिट में उन्हें शामिल करके नियमानुसार कार्यवाही करेगा।
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