परिषदीय विद्यालयों का तेजी से हो सकेगा विकास, केंद्रीय वित्त की धनराशि भी कर सकेंगे खर्च

गोरखपुर:- गोरखपुर में अब ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालयों का और भी तेजी से विकास हो सकेगा। इन विद्यालयों के विकास पर राज्य वित्त के साथ ही केंद्र वित्त की धनराशि का भी प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा सकेगा।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं पंचायती राज मंत्रालय की ओर से इसकी अनुमति दे दी गई है। यूपी की महा निदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी जिला प्रशासन को केंद्रीय वित्त का उपयोग कर स्कूलों का विकास कार्य जल्द पूरा करने को कहा है। जिले में मार्च 2022 तक विद्यालयों का कार्य पूरा किया जाना है इमारतों की जर्जर स्थिति व जरूरी सुविधाएं नहीं हो पाने की वजह से परिषदीय विद्यालयों में लोग अपने बच्चों का प्रवेश नहीं कराना चाहते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय स्कूलों की दशा में सुधार की दिशा में कई प्रयास शुरू किए इसी क्रम में ग्रामपंचायत निधी से स्कूलों की दशा सुधारने का निर्देश दिया गया नतीजा यह रहा कि राज्य वित्त से स्कूलों की मरम्मत के कार्य कराने का जो सिलसिला शुरू हमारे धीरे-धीरे स्कूलों में टाइल्स मेज कुर्सी आकर्षण व जागरूकता वाली पेंटिंग कराने, छत व शौचालयों की मरम्मत आज तक पहुंच गया है। स्कूलों की सूरत में अब बदलाव दिखने लगा है अब केंद्रीय वित्त का धन भी स्कूलों पर खर्च करने की अनुमति मिलने के बाद बड़ा बदलाव दिखाई पड़ेगा।

डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि पंचायतों के जरिए परिषदीय स्कूलों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। राज्य वित्त के साथ ही कुछ विद्यालयों में केंद्रीय वित्त का धन भी खर्च किया जा रहा है।

परिषदीय विद्यालयों के विकास के लिए बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यालयों में विकास तेजी से हो सके इसके लिए केंद्रीय वित्त की धनराशि का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग करने की अनुमति मिली है। जिले में विद्यालयों के कायाकल्प का काम मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

-विजय किरन आनंद जिलाधिकारी गोरखपुर


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