बेसिक शिक्षा सचिव सहित 16 बीएसए लेखाधिकारियों पर अवमानना आरोप

हाई कोर्ट ने एक माह में मांगी सफाई, पूछा- क्यों न उन्हें किया जाए दंडित’

प्रयागराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह बघेल सहित 16 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों तथा वित्त व लेखाधिकारियों के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित कर एक महीने में सफाई मांगी है कि क्यों न उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक के आदेश की अवहेलना पर दंडित किया जाए। कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व महानिदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि वह स्वयं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं तथा कृत कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें। प्रकरण मैं अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सुदेश पाल मलिक सहित कुछ अन्य की दर्जन भर अवमानना याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सेवाकाल में मृत अध्यापकों की पत्नी अथवा वारिसों को ब्याज सहित ग्रेच्युटी भुगतान करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट तक सरकार को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने भी चार माह में भुगतान करने और भुगतान नहीं कर पाने पर 18 प्रतिशत ब्याज सहित ग्रेच्युटी भुगतान करने का निर्देश दिया।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रदेश में कुल 1276 अध्यापकों को भुगतान किया जाना है। इसमें 355 अध्यापकों के मामले में आदेश का पालन किया जा चुका है। अभी 921 मामले लंबित हैं।

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कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘पिछले डेढ़ साल से कोर्ट आदेश पालन करने का आदेश दे रही है और आंशिक पालन ही किया जा सका।

इन जिलों के अफसरों के खिलाफ तय हुआ अवमानना आरोप:

आजमगढ़, सहारनपुर, गाजीपुर, महाराजगंज, बिजनौर, मुरादाबाद बरेली, देवरिया, शामली, हाथरस, बलिया, जालौन, प्रयागराज, बस्ती, मथुरा व सिद्धार्थनगर में तैनात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों, वित्त एवं लेखाधिकारी


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