अनुकंपा नियुक्ति अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

हाईकोर्ट के नियुक्ति फैसले को रद्द किया कहा, ऐसी नियुक्ति का उद्देश्य संकट से उबारना

दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति कोई अधिकार नहीं बल्कि रियायत है । ऐसी नियुक्ति का उद्देश्य प्रभावित परिवार को अचानक आए संकट से उबारने में मदद करना है ।

सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में पिछले हफ्ते केरल हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया । खंडपीठ के फैसले में एकल न्यायाधीश के उस फैसले की पुष्टि की गई थी जिसमें फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड और अन्य को अनुकंपा के आधार पर एक महिला की नियुक्ति के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने आदेश में कहा कि महिला के पिता फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड में कार्यरत थे और ड्यूटी के दौरान उनकी अप्रैल 1995 में मृत्यु हो गई थी । उनकी मृत्यु के समय उनकी पत्नी नौकरी कर रही थीं , इसलिए याचिकाकर्ता अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की पात्र नहीं हैं । पीठ ने कहा , कर्मचारी की मृत्यु के 24 साल बाद प्रतिवादी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की हकदार नहीं होंगी ।

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