बीएड की अर्हता मामले में अपील करेगा आयोग

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने बैठक में लिया निर्णय

कोर्ट ने एनसीटीई के मानक पर भर्ती का दिया था फैसला

प्रयागराज:- सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बीएड विषय के अर्हता विवाद पर उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है। आयोग की बैठक में विज्ञापन संख्या 51 में शामिल बीएड के पदों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों पर भर्ती को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। 34 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आयोग ने जुलाई 2022 में विज्ञापन संख्या 51 जारी कर 29 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन लिए थे। इसके लिए 90,159 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी बीच अभ्यर्थी अंजू और दो अन्य ने बीएड विषय की अनिवार्य अर्हता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका कर दी। उनकी मांग थी कि बीएड में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अनिवार्य अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के अनुसार हो ।

एनसीटीई के अनुसार न्यूनतम योग्यता सामाजिक विज्ञान/गणित/भाषा में से किसी एक में परास्नातक के साथ एमएड अथवा शिक्षाशास्त्रत्त् में परास्नातक के साथ बीएड डिग्री होनी चाहिए। जबकि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार न्यूनतम योग्यता एमएड अथवा शिक्षाशास्त्रत्त् में परास्नातक रखी है।

हाईकोर्ट ने अंजू की याचिका को स्वीकार करते हुए नौ दिसंबर को एनसीटीई मानक के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का आदेश दिया था। साथ ही पुराना विज्ञापन निरस्त करते हुए नया विज्ञापन जारी कर आवेदन लेने के आदेश दिए थे।

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