परिषदीय स्कूलों के बच्चों को किताबें इसी सप्ताह मिलेंगी

बीएसए कार्यालय को सिर्फ तीन लाख पुस्तकें मिलीं

लखनऊ:- राजधानी के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के छात्रों को पुस्तकों के लिए एक हफ्ते और इंतजार करना होगा। नई पुस्तकों की टेंडर प्रकिया शुरू हो गई। अब तक बीएसए कार्यालय को सिर्फ तीन लाख पुस्तकें ही मिल पायी हैं। जबकि लखनऊ में करीब 18 लाख पुस्तकों की जरूरत है। पुस्तकें न होने से बच्चों की पढ़ाई पिछड़ रही है।प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूल 16 जुलाई को खुल गए थे। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अफसरों ने पुस्तकों की व्यवस्था करने में ढुलमुल रवैया अपनाया। जिसकी वजह से बच्चों को पुस्तकें नहीं मिल पाईं।

अब प्रदेश के सभी बीएसए द्वारा पुस्तकें मांगे जाने पर शासन ने टेंडर प्रकिया शुरू करायी है। लखनऊ में एक हफ्ता पहले करीब एक लाख पुस्तकें मिली थीं। शुक्रवार को दो लाख और पुस्तकें मिलीं। बीएसए कार्यालय द्वारा पुस्तकों का वितरण शुरू करा दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद अभी करीब 15 लाख पुस्तकों की और जरूरत है।

“अब तक तीन लाख पुस्तकें मिल चुकी हैं। इन्हें वितरित कराया जा रहा है। जुलाई के आखिर तक बची हुई पुस्तकें मिल जाएंगी।”-अरुण, बीएसए, लखनऊ


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