किताबों के इंतजार में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे

फतेहपुर:-अप्रैल महीने से परिषदीय विद्यालयों का सत्र चल रहा है । बीच में पच्चीस दिन गर्मी की छुट्टी हुई | उसके बाद 16 जून से फिर विद्यालय संचालित हो रहे हैं । बच्चे अभी भी किताबों के इंतजार में हैं । आलम यह है कि किताबें सितंबर तक मिल जाएं तो बहुत बड़ी बात होगी । उधर , अभिभावक अभी भी एक जुलाई को ही सत्र की शुरुआत की मानसिकता बनाए हुए हैं । जहां एक ओर परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बैठकों का दौर चल रहा है , वहीं कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चे आज भी किताबों के इंतजार में हैं । बच्चों के हाथ में किताबें नहीं होने के कारण शिक्षकों को भी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन आलम यह है कि सितंबर महीने तक किताबें मिल जाएं तो बहुत बड़ी बात है । शिक्षा विभाग द्वारा यह कहा गया कि बच्चे अपने सीनियर विद्यार्थियों से पुरानी किताबें लेकर पढ़ाई करें लेकिन यह व्यवहारिक नहीं है । अधिकतर बच्चों के पास विभिन्न विषयों की किताबें नहीं हैं ।

शिक्षक भी दो चार पुरानी पुस्तकों से काम चला रहे हैं । इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि महीनों बीत जाने के बाद भी किताबों का कोई अता पता नहीं है । जूनियर स्कूलों में बिना किताबों के शिक्षण कार्य संभव नहीं हो पाता लेकिन अभी तक तहसील के किसी भी बीआरसी मुख्यालय में पुस्तकों के आने की कोई अथेंटिक सूचना तक नहीं है कि किताबें कब आएंगी । प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री एवं ऐरायां विकास खंड के अध्यक्ष विजय त्रिपाठी का मानना है कि अभिभावक अभी भी एक जुलाई को सत्र की शुरुआत की मानसिकता रखते हैं । फील्ड में जाने पर बच्चों को किताबें नहीं मिलने की अभिभावक शिकायत कर रहे हैं । इतना ही नहीं अभिभावक कापी की भी अपेक्षा रखते हैं । उन्होंने बताया कि शनिवार को उन्होंने अपने पास से कई बच्चों को कापी और पेंसिल उपलब्ध कराई ताकि बच्चे स्कूल आते रहें लेकिन अधिकतर अभिभावकों की मानसिकता है कि जुलाई से ही सत्र प्रारंभ किया जाए । उन्होंने जल्द से जल्द किताबों की व्यवस्था करने की मांग की ।


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