स्कूल का गेट ढहने से छात्रा की मौत के मामले में अज्ञात लोगों लोगों पर केस दर्ज
प्रतापगढ़:- कुंडा इलाके के प्राथमिक स्कूल बानेमऊ का गेट और पिलर ढहने से तीसरी कक्षा की छात्रा वंदना की मौत के मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, बृहस्पतिवार को कौशाम्बी सांसद विनोद सोनकर के घर पहुंचकर जांच और कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद परिजनों ने छात्रा के शव का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान प्रशासनिक अफसरों के साथ फोर्स मौजूद रही। कुंडा कोतवाली क्षेत्र के बानेमऊ गांव निवासी वंदना (8) पुत्री अशोक सरोज के ऊपर खेलते समय स्कूल का गेट और पिलर गिर गया था। इससे उसकी मौत हो गई थी। घटना के वक्त एक भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे थे। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शव घर पहुंचने पर कोहराम मच गया। अंतिम संस्कार के लिए बाहर कमाने गए पिता अशोक सरोज के आने का इंतजार किया जा रहा था। बृहस्पतिवार की सुबह वह घर पहुंचा। इसके बाद उसने कुंडा कोतवाली में तहरीर दी।इसमें उसने शिक्षकों के समय से स्कूल नहीं आने का जिक्र करते हुए ग्रामसभा के सभी जिम्मेदार अज्ञात व्यक्ति व अध्यक्ष प्रबंध समिति अज्ञात समेत सभी शिक्षकों के खिलाफ आरोप लगाया। पुलिस ने उसकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, दोपहर में कौशाम्बी सांसद विनोद सोनकर छात्रा के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद जिलाधिकारी से बात करके मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग की।
निर्माणाधीन स्कूल भवनों की गुणवत्ता खंगालेगी टीम
कमीशन के चक्कर में स्कूल बनवाने के लिए लालायित रहने वाले शिक्षकों पर विभाग ने अब शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। गुणवत्ता में खेल करके जेब भरने वाले शिक्षकों को सिर्फ निलंबित ही नहीं किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। शासन ने औचक निरीक्षण करने के लिए लखनऊ के अफसरों की टीम गठित की है। बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जाती है। वर्तमान में जिले में 25 प्राइमरी स्कूलों का निर्माण हो रहा है। एक स्कूल भवन बनाने के लिए 11.21 लाख रुपये का बजट आवंटित किया जाता है।विभाग के पर्याप्त धनराशि देने के बाद भी भवन प्रभारी बनाए गए शिक्षक कमीशन का खेल करने के लिए घटिया सामग्री से निर्माण कराते हैं। गौरा विकास खंड में निर्माणाधीन भवन को देखने पहुंची अपर निदेशक ने भवन प्रभारी को फटकार लगाते हुए गुणवत्ता में सुधार लाने को कहा था। कुंडा इलाके के प्राइमरी स्कूल बानेमऊ में कक्षा तीन की छात्रा वंदना की मौत के बाद शासन ने निर्माणाधीन भवन की गुणवत्ता जांचने के लिए टीम गठित कर दिया है। लखनऊ के अफसर स्कूल भवनों की गुणवत्ता को जांचेंगे और दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अभी तक स्कूल भवनों की जांच के लिए शासन स्तर से टीम का गठन नहीं किया गया था। मगर शासन के इस फैसले से स्कूल भवन निर्माण में अनियमितता बरतने वाले भवन प्रभारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। फिलहाल शासन के इस आदेश से विभाग के अधिकारी भी सकते में हैं। बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भवन निर्माण की गुणवत्ता परखने के लिए यह सराहनीय कदम है। इससे भवन मजबूत बनेंगे और अनियमितता पर रोक लगेगी।
आखिर वंदना की मौत का दोषी कौन !
कुंडा इलाके के बानेमऊ प्राथमिक स्कूल में खेलते समय स्कूल का गेट और पिलर गिरने से तीसरी कक्षा की छात्रा वंदना की मौत के मामले में प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर लीपापोती करने में जुटे हैं। मौके पर पहुंचे बीएसए ने स्कूल को हेडमास्टर को निलंबित करने के बाद अन्य शिक्षकों को एक तरह से माफी दे दी। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि घटना के वक्त एक भी शिक्षक स्कूल में नहीं था। देर से स्कूल पहुंचने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। दूसरी तरफ, प्रशासन ने भी इस मामले में किसी के खिलाफ एफआईआर तक कराने की जरूरत नहीं समझी। जिले के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। अमर उजाला ने शिक्षकों के स्कूल से गायब रहने और देर से पहुंचने को लेकर कुछ दिनों पहले लगातार अभियान चलाया था। इसके बाद बीएसए ने पचास से अधिक शिक्षकों को वेतन रोका और छह शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मगर, इसके बाद भी उनकी आदतों में सुधार नहीं आ रहा है। स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात बजे से हैं मगर, शिक्षक साढ़े आठ बजे से पहले स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। प्राइमरी स्कूल बानेमऊ में हादसे के बाद जो खुलासा हुआ, उससे विभाग के अधिकारी हतप्रभ हैं। हेडमास्टर अरविंद कुमार पाठक ने सुबह खोलने के लिए पांचवीं के छात्र को गेट की चाबी दे रखी थी। वह सुबह पहुंचकर स्कूल का ताला खोलता था। इसके बाद हेडमास्टर समेत सभी शिक्षक और शिक्षामित्र अपने हिसाब से स्कूल पहुंचते थे। इससे देर से आने वाले शिक्षकों की जानकारी आसपास के लोगों को नहीं हो पाती थी। हादसे के बाद बीएसए ने हेडमास्टर अरविंद कुमार पाठक को निलंबित कर दिया मगर, स्कूल देर से आने वालों में सिर्फ हेडमास्टर ही शामिल नहीं थे।तीन सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र भी बराबर के जिम्मेदार हैं। अफसरों ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अगर इनमें से कोई भी समय से स्कूल पहुंचा होता तो शायद वंदना गेट पकड़कर न झूलती और एक बड़ा हादसा बच जाता। इस मामले में बीएसए भूपेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जांच बीईओ कुंडा को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अन्य शिक्षकों और शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई होगी। फौरी तौर पर हेडमास्टर को दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है।