हाईकोर्ट: मृत सहायक अध्यापक के सेवानिवृत्ति पर परिलाभों से अधिक वेतन भुगतान की वसूली का आदेश निरस्त

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक अध्यापक के सेवानिवृत्त परिणामों से अधिक भुगतान किए गए वेतन की वसूली पर रोक लगा दी है कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज को मृतक के बकाया सेवानिवृत्त परिणामों का उसके वारिस को दो माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने गलत वेतन निर्धारण के कारण अधिक भुगतान किए गए 271208 रुपए की वसूली आदेश को अनुमन्य ना मानते हुए निरस्त कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने दारागंज प्रयागराज के प्रतीक शर्मा की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याची के अधिवक्ता दिनेश राय का कहना था कि याची के पिता अनिल कुमार शर्मा राधारमण इंटर कॉलेज दारागंज के प्राइमरी सेक्शन में सहायक अध्यापक थे सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई मृत्यु के पश्चात सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान का आदेश पारित हुआ। प्रधानाचार्य की आपत्ति पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 20 मार्च 2021 को गलत वेतन भुगतान की वसूली का आदेश दिया साथ ही याची के पिता द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से लिए गए पर्सनल लोन 3 लाख 54 हजार की भी कटौती करने को कहा अधिवक्ता का कहना था कि अधिक वेतन भुगतान की वसूली की राशि के पिता के सेवारत रहते कोई कार्यवाही नहीं गई।

7 फरवरी 2019 को याची के पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई मृतक के बाद अधिक वेतन की वसूली की अनुमति नहीं दी जा सकती। याची के पिता की वेतन निर्धारण में कोई भूमिका नहीं थी मृतक सहायक अध्यापक के कपाट या गलत प्रत्यावेदन से वेतन निर्धारित नहीं किया गया था सुप्रीम कोर्ट के पंजाब राज्य बनाम रफीक मशीन 21 का हवाला देते हुए कोर्ट ने वसूली आदेश निरस्त कर दिया है या की के पिता द्वारा लिए गए बैंक लोन के मामले में कोर्ट ने कहा है यह राशि सेवानिवृत्त परिणामों से वसूल नहीं की जा सकती है बशर्ते लोन शर्तों में इस तरह का कोई करार ना हुआ हो या चले बैंक को एक बार में समझौते की पेशकश की है वह सीधे बैंक को भुगतान करने को तैयार है।


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