साल में दो बार बोर्ड परीक्षा में शामिल होना नहीं होगा जरूरी

शिक्षा मंत्री बोले, छात्रों को तनावमुक्त रखने के लिए निर्णय

नई दिल्ली। कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में साल में दो बार बैठना अनिवार्य नहीं किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को बताया कि छात्र केवल एक बार ही बोर्ड की परीक्षा में बैठने का विकल्प चुन सकते हैं। छात्रों में एकल अवसर के डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए परीक्षा का आयोजन साल में दो बार (प्रीबोर्ड और बोर्ड) किया जाएगा।

प्रधान ने कहा, यदि विद्यार्थी को लगता है कि वह पूरी तरह तैयार है और परीक्षा के पहले ‘सेट’ में प्राप्तांक से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है। प्रधान ने कोटा में विद्यार्थियों से खुदकुशी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा, बच्चों को तनावमुक्त माहौल देना हमारी जिम्मेदारी है, हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं।

शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल में तालमेल बना रहे:

प्रधान के मुताबिक, शिक्षा व कौशल विकास मंत्रालय 21वीं सदी के कार्यस्थल क्षेत्र में नई पीढ़ी को तैयार करने के लिए साथ काम कर रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम छात्रों को शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल, दोनों प्रदान करने के लिए तालमेल बना रहे हैं।


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