निर्वाचन में तैनात बीएलओ बिना एडीएम को बताए छुट्टी नहीं जाएंगे
‘नाम काटने से पहले करना होगा सत्यापन नहीं तो बीएलओ सुपरवाइजर पर कार्रवाई
मेडिकल लीव पर जाने के लिए देना होगा मेडिकल प्रमाण पत्र, बिना प्रमाण पत्र के नही मिलेगी छुट्टी
लखनऊ: नगर निकाय चुनाव मतदाता पुनरीक्षण अभियान के संबंध में डीएम ने शुक्रवार को बैठक बुलाई। इसमें अब तक हुई लापरवाहियों पर नाराजगी जताते हुए कुछ सख्त निर्देश जारी किए। जैसे कि बीएलओ को छुट्टी लेने के लिए एफआर से अनुमति लेनी होगी। बिना प्रमाणपत्र मेडिकल लीव मंजूर नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने डेटा ऑपरेटरों की तैनाती जोनल दफ्तरों में करने का निर्देश दिया।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम सूर्य पाल गंगवार ने निर्देश दिया कि सूची में दर्ज कोई भी नाम काटने से पहले सत्यापन करना होगा। ऐसा न करने पर संबंधित बीएलओ और सुपरवाइजर पर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने सभी सुपरवाइजरों की हाजिरी ली। साथ ही बताया कि जिले में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए फार्म की कोई कमी नहीं है। प्रशासन ने 10 लाख से अधिक फार्म प्रिंट करा कर रखे हुए हैं। जहां जितनी आवश्यकता है, बीएलओ और सुपरवाइजर ले जा सकते हैं। डीएम ने कहा कि नाम जोड़ने संबंधित आवेदन फार्मों का सत्यापन जरूर कर लें।
‘गलती से हटे तो दोबारा जोड़े नाम’
डीएम ने निद्रेश दिया कि बड़ी संख्या में नाम किसी त्रुटिवश हट गए हैं। उनको दोबारा जोड़ें। यदि अब गलती से कोई नाम हटा तो बीएलओ पर कार्रवाई तय है। साथ ही नए जुड़े 88 गांवों की मतदाता सूची में मृतकों को अलग करते हुए बाकी लोगों से फार्म भरवाने का निर्देश दिया।
अपार्टमेंटों में गार्ड को सौंपे जाएंगे फार्म’
बैठक में डीएम ने कहा कि बहुमंजिला इमारतों में लोग सुबह की कार्य पर निकल जाते हैं। ऐसे में अपार्टमेंटों के सिक्योरिटी गार्ड्स को नाम जोड़ने वाले फार्म उपलब्ध करा दिए जाए। इसके बाद शाम को गार्ड्स से भरे हुए फार्मों को कलेक्ट करके फीडिंग कराई जाए। साथ ही ऐसी सभी बिल्डिंगों पर मतदाता पुनरीक्षण अभियान से सम्बंधित बैनर लगाना भी सुनिश्चित किया जाए।
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