प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय पर माहौल गर्म है। शिक्षक भर्ती मामले में स्नातक में 50 फीसद से कम अंक वालों को शामिल करने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद आवेदन करने से वंचित रह गए अभ्यर्थियों ने दिन रात धरना दिया। इस बीच टीईटी में वर्ष 2001 जन्मतिथि वाले बैचलर एलीमेंट्री एजूकेशन (बीएलएड) के प्रशिक्षु आवेदन करने की मांग को लेकर पहुंच गए। अब बीएलएड कर चुके अभ्यर्थी तकनीकी उलझन से परेशान हैं।जूनियर हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा 17 अक्टूबर को मंडल मुख्यालय के जिलों के केंद्रों पर प्रस्तावित है। इसमें 3.39 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद 2224 और अभ्यर्थियों ने निर्धारित सात अक्टूबर तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंचकर आफलाइन आवेदन किया। देर से पहुंचने वाले आंदोलन पर उतर आए। अब बीएलएड के अभ्यर्थी चार साल का कोर्स होने के कारण आवेदन में उपजा संशय दूर करने पहुंच गए। मुलाकात न हो पाने पर पीएनपी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को पत्र लिखा है।अभ्यर्थी राहुल त्रिपाठी, मनीष राय, सजल श्रीवास्तव, संजय गुप्ता आदि ने बताया है कि उनका चार वर्ष का कोर्स होने के कारण परीक्षा फार्म के ग्रेजुएशन कालम में समस्या है। पूछा है कि प्रथम तीन वर्ष के प्राप्तांकों का योग भरें और बीएलएड के कालम में अंतिम वर्ष का प्राप्तांक भरें या फिर चारों वर्ष का प्राप्तांक बीएलएड वाले कालम में भरकर फार्म सबमिट करें, ताकि बाद में गुणांक तय करते समय नुकसान न हो।

टीईटी में बीएलएड प्रशिक्षुओं ने मांगा आवेदन का मौका :

28 नवंबर को होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में शामिल होने का मौका बैचलर एलीमेंट्री एजूकेशन (बीएलडएड) के उन प्रशिक्षुओं ने मांगा है, जिनकी जन्मतिथि वर्ष 2001 है। परीक्षा का आयोजन कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने को विवश होंगे। उत्तर प्रदेश आदर्श बीएलएड प्रशिक्षु शिक्षक कल्याण समिति की ओर से पत्र भेजकर यह मांग रखी गई है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार वर्मा के अनुसार वर्ष 2001 की जन्मतिथि के हजारों छात्र-छात्राएं बीएलएड के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे हैैं। अंतिम वर्ष के प्रशिक्षुओं को टीईटी में शामिल करने का मौका दिया जाना चाहिए, अन्यथा हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में फंस जाएगा।


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