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बॉयोमीट्रिक सत्यापन हुआ तो 27 फीसदी छात्र गायब


बॉयोमीट्रिक सत्यापन हुआ तो 27 फीसदी छात्र गायब

छात्रवृत्ति का खेल: केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने कराई थी आधार की जांच

लखनऊ। बॉयोमीट्रिक सत्यापन में 27 फीसदी अल्पसंख्यक छात्र गायब मिले हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की उनके आधार के जरिये जांच कराई थी। इसमें मुरादाबाद, कुशीनगर, सीतापुर, बिजनौर, बस्ती और संतकबीरनगर समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में छात्र गायब मिले हैं। बड़े फर्जीवाड़े की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसके असली कारणों की पड़ताल की तैयारी शुरू कर दी है।

मुरादाबाद, कुशीनगर, सीतापुर, बिजनौर, बस्ती व संतकबीरनगर समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में छात्रों ने नहीं कराया सत्यापन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने 2022-23 में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के बॉयोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश सभी राज्यों को दिए थे। शुरुआती जांच में गड़बड़ियां मिलने पर यह निर्णय लिया गया था। यह भी तय किया गया कि सत्यापन के बाद ही छात्रों को भुगतान किया जाएगा।

27 तक डाटा आगे बढ़ा सकते हैं संस्थान

बॉयोमीट्रिक सत्यापन के लिए संस्थान स्तर पर 4483 आवेदन और जिला नोडल अधिकारी के स्तर पर 231 आवेदन लंबित हैं। संस्थान स्तर पर आवेदन अग्रसारित करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर और जिला व राज्य नोडल अधिकारी के स्तर पर सत्यापन की अंतिम तिथि 28 अक्तूबर कर दी गई है।

इस योजना में यूपी में उस वित्त में 3,59,659 छात्रों ने आवेदन था। इनमें से 97,463 छात्रों ने दी अंतिम तिथि तक बॉयोमीट्रिक नहीं कराया। मुरादाबाद में 46,211 छात्रों में से सबसे ज्यादा 12, 161 सत्यापन नहीं कराया। इसी कुशीनगर में 5630, सीतापुर वर्ष 4073, बिजनौर में 6738, वस्ती में किया 3726, फर्रुखाबाद में 4228, गोंडा में गई 4416 और संतकबीरनगर में 3339 सत्यापन छात्र आगे नहीं आए। इस मामले में औरेया, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, ने उन्नाव, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, संभल तरह और अलीगढ़ जिलों में भी स्थिति में काफी खराब मिली।


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