भ्रष्टाचार की शिकायत पर उरुवा खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित
प्रयागराज/मेजा। भ्रष्टाचार के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा राजेश यादव को निलंबित कर दिया गया। कार्रवाई अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने की है। इससे पहले प्राथमिक विद्यालय मिश्रपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप पाल ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) को शपथ पत्र देकर खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा राजेश यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। यही नहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंवरपट्टी, उच्च प्राथमिक विद्यालय जेरा, प्राथमिक विद्यालय पकरी की ओर से भी खंड शिक्षा अधिकारी पर भ्रष्टाचार के अलावा कई आरोप लगाए गए थे।
अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) कामता राम पाल ने पदीय दायित्वों के निर्वहन न करने, भ्रष्टाचार करने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, अनुशासनहीनता बरतने, शिक्षकों का उत्पीड़न करने आदि आरोपों में खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है। मामले में खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।
यह भी कहा गया है कि निलंबन की अवधि में कार्यालय मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रयागराज मंडल प्रयागराज से संबद्ध रहेंगे। दरअसल, शिकायतों के संबंध में शिक्षा निदेशालय ने बीईओ राजेश यादव से तीन अप्रैल को स्पष्टीकरण
मांगा था। इस पर बीईओ ने 12 अप्रैल को प्रार्थना पत्र देकर शिकायतों के सापेक्ष साक्ष्य दिखाने का अनुरोध किया। इसके बाद 28 अप्रैल को सभी शिकायतकर्ताओं से सबूत मांगा गया था।
सभी शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि स्कूल में मरम्मत व साफ-सफाई के लिए मिली 25 से 50 हजार की कम्पोजिट ग्रांट में से राजेश यादव पांच-पांच हजार रुपये ले चुके हैं। इसके बाद भी वेतन और इंक्रीमेंट रुकवाने के साथ निलंबित करवाने की धमकी देकर और रुपयों की मांग करते हैं।
घूस लेने के मामले में तीन अप्रैल को आरोपी से मांगा गया था स्पष्टीकरण
आय-व्यय का ब्योरा मांगा, की 50 हजार की डिमांड
प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार पाल ने पांच मई को सबूत देते हुए बताया कि 17 जनवरी 2025 को सहायक अध्यापक आशीष कुमार संतोषी के सामने पांच हजार रुपये बीईओ को दिए। इसके बाद बीईओ ने मार्च 2025 को उनसे पांच वर्ष का आय-व्यय का ब्यौरा मांगा। इसके बाद एक वर्ष के लिए दस हजार रुपये की दर से कुल 50 हजार रुपये की मांग की।