बीएड स्पेशल वाले भी बन सकते हैं सामान्य शिक्षक

नई दिल्ली । केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ( कैट ) ने महत्पवूर्ण फैसले में कहा है कि बीएड स्पेशल और बीएड दोनों डिग्री एक समान है । न्यायाधिकरण ने यह फैसला देते हुए कहा कि ऐसे में बीएड स्पेशल डिग्री धारक भी सामान्य शिक्षक बनने के योग्य हैं । फैसले से देशभर के बीएड स्पेशल डिग्री धारक करीब एक लाख युवाओं का विशेष शिक्षक बनने के साथ – साथ सामान्य शिक्षक बनने का भी रास्ता खुल सकता है ।

न्यायाधिकरण के सदस्य जस्टिस आर . एन . सिंह और तरुण श्रीधर की पीठ ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ( डीएसएसएसबी ) के उस निर्णय को रद्द कर दिया है , जिसमें एक महिला को टीजीटी हिंदी शिक्षक के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था ।

पीठ तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि बीएड स्पेशल और बीएड एक समान डिग्री हैं । ऐसे में याचिकाकर्ता महिला को टीजीटी हिंदी यानी सामान्य शिक्षक बनने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता । पीठ ने डीएसएसएसबी के फैसले के खिलाफ उमा रानी की ओर से अधिवक्ता अनुज अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह फैसला दिया है ।

याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार के स्कूल में टीजीटी हिंदी के लिए 2010 में डीएसएसएसबी की भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था और परीक्षा में शामिल हुई । 2015 में परिणाम आया तो उनका परिणाम जारी नहीं किया गया था । बोर्ड ने उन्हें बताया गया कि बीएड की डिग्री न होने के चलते वह टीजीटी हिंदी के योग्य नहीं हैं । हालांकि , उनके पास बीएड स्पेशल की डिग्री थी । इसके बाद उन्होंने बोर्ड के फैसले को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की थी ।

कैट का यह फैसला बीएड स्पेशल डिग्री धारक करीब एक लाख युवाओं के लिए राहत भरा है । बीएड स्पेशल डिग्री धारक शिक्षक विशेष जरूरत वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित होते हैं , ऐसे में वे समान्य बच्चों को भी बेहतर शिक्षा देंगे ।” -शम्सउद्दीन , महासचिव , मॉडर्न इंडियन लैंग्वेजेज अध्यापक परिवार


Leave a Reply