चुनावी भंवर में फंसी बेसिक शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया
दो महीने पहले दिए गए थे आदेश, अभी तक प्रक्रिया नहीं हो सकी पूर्ण
मैनपुरी। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चुनावी भंवर में फंसी हुई है। दो महीने से पदोन्नति को लेकर बीएसए कार्यालय में तैयारियां चल रही हैं। अभी तक शासन की पदोन्नति को लेकर गाइड लाइन तक जारी नहीं हो पा रही है। विभाग ने वरिष्ठत्ता सूची तैयार कर ली है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और जूनियर स्कूलों के सहायक अध्यापक पद के लिए पदोन्नति के आदेश दिए हैं। लोकसभा चुनाव के चलते विभाग आगे की कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग में दर्ज रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2016 में अंतिम बार जिले में शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी।
पदोन्नति के लिए जिले के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार कर ली गई है। आगे विभाग और शासन के जो निर्देश मिलेंगे उनका पालन किया जाएगा। आचार संहिता हटने के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकती है। दीपिका गुप्ता, बीएसए
वर्ष 2013 तक नियुक्ति पाने वाले शिक्षक पदोन्नति का लाभ लेने में सफल रहे थे। वर्ष 2013 के बाद नियुक्ति पाने वाले करीब दो हजार शिक्षकों को पदोन्नति को इंतजार है।
सरप्लस का मामला भी दे रहा दिक्कत
जिले पहले से ही 800 से प्रधानाध्यापक सरप्लस चल रहे हैं। प्राथमिक में प्रधानाध्यापक के 300 पद ही स्वीकृत हैं जबकि तैनाती 1100 की है। वहीं जूनियर में 400 प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। यदि प्राथमिक और जूनियर दोनों के प्रधानाध्यापक जोड़ लिए जाएं तब भी प्रधानाध्यापक के कुल 400 पद सरप्लस हैं। ऐसे में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति पाना मुश्किल दिख रहा है। दूसरी तरफ जूनियर में सहायक अध्यापक के पद रिक्त हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिले में 407 पदों पर पदोन्नति के लिए वरिष्ठता सूची तैयार कर विभाग को भेजी गई है।