तैनाती आदेश से बचने को बैक डेट में निलंबित करने के आदेश पर रोक

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरीयता के आधार पर याची सहायक अध्यापिका को अलीगढ़ में तैनात करने के आदेश के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कासगंज द्वारा बैक डेट में निलंबित करने के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने अंजू सिंह की याचिका पर अधिवक्ता आरएन यादव व अभिषेक यादव को सुनकर दिया है। याची सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हुई। उसने अलीगढ़ को वरीयता दी लेकिन उसे अलीगढ़ में नियुक्ति न देकर कासगंज में नियुक्ति दी गई। उसने ज्वाइन कर लिया और याचिका कर अलीगढ़ में नियुक्ति की मांग की। याची का कहना था कि उससे कम क्वालिटी प्वाइंट अंक वालों को अलीगढ़ में नियुक्ति दी गई है। अधिक क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त करने के बावजूद उसे वहां नियुक्ति नहीं दी गई।

कोर्ट ने गत 28 अप्रैल को याची को अलीगढ़ में नियुक्ति देने का निर्देश दिया तो इस पर कासगंज बीएसए राजीव कुमार ने याची को स्कूल में गैरहाजिर होने के आरोप में 25 अप्रैल को निलंबित कर दिया। इसकी सूचना याची के मोबाइल में वाट्सएप पर 28 अप्रैल को भेजी गई। याची ने बीएसए कासगंज पर अलीगढ़ के अधिकारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से याची को बैक डेट पर निलंबित करने का आरोप लगाया और निलंबन आदेश रद्द करने की मांग की। कोर्ट ने कहा कि बीएसए की अधिकारियों की मिलीभगत से कार्रवाई करने के कारण याची अंतरिम राहत पाने की हकदार है। जानबूझकर मनमाना आदेश दिया गया है।


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