आशा वर्कर परिषदीय स्कूलों में बच्चों का कराएंगी दाखिला
17 अप्रैल से दस्तक अभियान के साथ होगी शुरुआत
बच्चों की संख्या दो करोड़ तक पहुंचाने की कोशिश
लखनऊ : घर-घर जाकर रोगियों को चिह्नित करने और स्वास्थ्य योजनाओं को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाने वाली आशा वर्कर अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों का दाखिला भी कराएंगी। 17 अप्रैल से शुरू हो रहे घर-घर दस्तक अभियान में वह संचारी रोग से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने के साथ-साथ बच्चों का एडमिशन कराने का भी कार्य शुरू करेंगी। अभी परिषदीय स्कूलों में कुल 1.92 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं और इसे इस वर्ष दो करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा की और सभी 1.60 लाख आशा वर्कर को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर छह वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के ऐसे विद्यार्थियों की खोज करें जिनका दाखिला नहीं हुआ है। नए विद्यार्थी जिनका प्री-प्राइमरी या प्राइमरी स्तर पर दाखिला होना है उनके साथ साथ आउट आफ स्कूल बच्चों को भी चिह्नित करें।
अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाएं और अपने क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापक से संपर्क कर विद्यार्थियों का प्रवेश कराएं।
परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। एक अप्रैल से बेसिक शिक्षा परिषद भी स्कूल चलो अभियान चला रहा है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 17 से 30 अप्रैल तक घर-घर दस्तक अभियान में आशा वर्कर द्वारा किए जाने वाले सहयोग से विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। आगे भी परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों का दाखिला कराने के लिए अपना पूरा सहयोग देती रहेंगी।