◆ नए स्कूली पाठ्यक्रम की तैयारी के बीच एनसीईआरटी ने की सिफारिश।
◆कला शिक्षकों के लिए शुरू होगा स्पेशल इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स।
नई दिल्ली : स्कूलों का नया स्कूली पाठ्यक्रम आधुनिकता और भारतीय कला संस्कृति का मिश्रण होगा जहां बच्चों को कोडिंग व आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस संग कला ( आर्ट एजुकेशन ) की भी शिक्षा दी जाएगी । फिलहाल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एनसीईआरटी ने सभी स्कूलों पहली से 12 वीं कक्षा तक कला अनिवार्य रूप से पढ़ाने की सिफारिश की है । इसके लिए सभी स्कूलों अनिवार्य रूप से कला शिक्षक नियुक्त का सुझाव दिया है ।
एनसीईआरटी के कला एवं सौंदर्यबोध विभाग ने यह सिफारिश ऐसे समय की है , जब नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है । इस सिफारिश में न सिर्फ कला को एक विषय के रूप में सभी स्कूलों में पढ़ाने की सिफारिश की गई है , बल्कि इसके मूल्यांकन को जरूरी बताते हुए परीक्षा परिणाम में इनके अंकों को जोड़ने की पैरवी भी की है । कला शिक्षा को लेकर अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर कोई गाइडलाइन नहीं थी इसके चलते कोई भी राज्य इसे लेकर गंभीर नहीं था । इसके साथ ही कला शिक्षकों के लिए अब तक कोई न्यूनतम योग्यता निर्धारित नहीं थी , हालांकि इसे लेकर उत्तर प्रदेश , बिहार , राजस्थान व उत्तराखंड सहित देश के दर्जनभर से ज्यादा राज्यों में कला क्षेत्र से जुड़े छात्र आंदोलन भी कर चुके हैं । कला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एनसीईआरटी कला शिक्षा में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी में जुटी है । माना जा रहा है कि अगले साल से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सों के साथ इसे भी शुरू कर दिया जाएगा । जिसमें 12 वीं तक कला की पढ़ाई करने वाले छात्र सीधे दाखिला ले सकेंगे । वैसे तो अभी तक चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड के तहत बीए – बीएड , बीएससी – बीएड व बीकाम – बीएड जैसे कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव था । अब बीए बीएड इन आर्ट एजुकेशन भी शुरू होगा । इसके साथ स्कूलों में कला की पढ़ाई के लिए नया पाठ्यक्रम भी तैयार होगा । यह सारी पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद शुरू की गई है ।
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