हाईकोर्ट: खेल प्रशिक्षक की नियुक्ति का रास्ता हो गया साफ

प्रयागराज:-  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 21 सितंबर 2020 की नई खेल नीति के तहत आगे बढ़ने का निर्देश दिया है लेकिन यह भी कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान याचियों की सभी लाभों के साथ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों के रूप सेवा जारी रखी जाएगी। साथ ही नए सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति के संबंध में कोई भी आदेश इस न्यायालय के अंतिम आदेशों के अधीन होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने विकास यादव व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार की 21 सितंबर 2020 की नई खेल नीति चुनौती दी गई है। कहा गया है कि राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार जीईएम पोर्टल पर पंजीकृत खेल प्रशिक्षकों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इससे वर्तमान में अनुबंध के आधार पर प्रशिक्षक के रूप में काम कर रहे याची प्रभावित होंगे। नई नीति के लागू होने पर उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। जबकि वास्तव में उनके पास प्रशिक्षक के रूप में सेवा जारी रखने के लिए अपेक्षित अनुभव है। राज्य सरकार की नीति को 2021 में भी चुनौती दी गई थी।

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