UPPSC: चयन के 1 वर्ष बाद भी नहीं मिली नियुक्ति एलटी ग्रेड हिंदी के 310 चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें अटकी

प्रयागराज: अर्हता के विवाद में एलटी ग्रेड हिंदी के चयनित अभ्यर्थी चयन के 1 वर्ष बाद भी नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी ने इन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन भी करा दिया है लेकिन उनकी नियुक्ति की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को नहीं भेजी है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए मार्च 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल 2018 निर्धारित थी। हिंदी विषय में सहायक अध्यापक के 1433 पदों पर भर्ती होनी थी अभ्यर्थियों के लिए अर्हता थी कि इंटर में संस्कृत, बीए में हिंदी के साथ B.Ed की डिग्री भी हो। तमाम अभ्यर्थियों के पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था ऐसे अभ्यर्थियों ने एकल विषय संस्कृत से यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा दे दी वहीं तमाम अभ्यर्थियों के पास B.A. में हिंदी एवं संस्कृत विषय थे और B.Ed की डिग्री थी लेकिन इंटर में संस्कृत विषय नहीं था इन अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की तो कोर्ट के आदेश पर 4 से 14 जून तक पोर्टल खोलकर अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था। उधर आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 29 अप्रैल 2018 को यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी कर दिया था इसमें एकल विषय संस्कृत में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने भी दिए गए अतिरिक्त समय में आवेदन कर दिए।

आयोग ने 29 सितंबर 2020 को हिंदी विषय का रिजल्ट जारी किया इसमें 310 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया इन्होंने अतिरिक्त समय में आवेदन किए थे। आयोग ने नवंबर 2020 में इन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन भी करा दिया लेकिन इनमें से किसी को भी अब तक नियुक्ति नहीं मिली है। अभ्यर्थियों की फाइलें आयोग में ही पड़ी हुई है चयनित अभ्यर्थी पवन राय, मंजू, दीपा सिंह, अनुराग, नागेंद्र प्रसाद, विनोद का कहना है कि अगर आयोग ने आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया था तो नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है उन्होंने आयोग से मांग की है कि उनकी फाइलें शिक्षा निदेशालय को शीघ्र से शीघ्र भेजी जाएं।


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