मंझनपुर:- जिले के निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया दो मार्च से प्रारंभ हो गया है । अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा की क्षमता के 25 फीसदी सीटों पर इन्हें प्रवेश देने का नियम है । इस व्यवस्था में प्रवेश के लिए विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा । गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आरटीई के अंतर्गत कक्षा एक व उससे पूर्व की कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता है इसके बाद यह बच्चे कक्षा आठ तक इस व्यवस्था के अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हैं । जिन क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों की दूरी अधिक है वहां के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में इस अधिनियम के तहत प्रवेश दिया जाता है ।

प्राइवेट स्कूलों में क्लास की कुल क्षमता का 25 फीसदी आरटीई के तहत गरीब परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित होता है । इन बच्चों को बेहतर शिक्षा व कोर्स आदि के लिए आर्थिक सहायता भी विभाग मुहैया कराता है । बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि उन्होंने इस व्यवस्था के तहत प्रवेश के लिए सभी प्राइवेट विद्यालयों को 25 फीसदी सीटें रिक्त रखने के निर्देश दिए हैं । प्रवेश के लिए बच्चों या अभिभावकों से किसी प्रकार की स्क्रीनिंग या परीक्षा नहीं कराई जानी है । बच्चों को लॉटरी पद्धति के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा ।

आरटीई में ये बच्चे होंगे पात्र

विभाग ने बच्चों की पात्रता के लिए अलाभित व दुर्बल वर्ग के दो समूह तय किए हैं । अलाभित समूह में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , विकलांग , विधवा पेंशन प्राप्तकर्ता , निराश्रित बेघर बच्चा , निःशक्त बच्चा , एचआईवी अथवा कैंसर पीड़ित माता – पिता या अभिभावक का बच्चा शामिल है । दुर्बल वर्ग समूह में माता – पिता या संरक्षक की एक लाख से कम वार्षिक आय वाले बच्चों को शामिल किया गया है । बीपीएल सूची में जिनका नाम शामिल है , उस परिवार के बच्चे भी इस योजना के लिए पात्र होंगे ।


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