नकल गिरोह की संपत्ति जब्त होगी, अभ्यर्थी को भी 3 साल तक की जेल

राजस्थान:- प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधानों वाला एंटी चीटिंग बिल गुरूवार को राजस्थान विधानसभा में पास हो गया । बिल में परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है । नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा । इस बिल में नकल गिरोह के लोगों की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान भी किए गए हैं । किसी भी परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है ।

एसओजी में बनी एंटी चीटिंग सेल , बजट में की थी घोषणा

नकल रोकने के लिए जांच एजेंसी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( एसओजी ) में एंटी चीटिंग सेल बनाई जा रही है । गृह विभाग ने एंटी चीटिंग सेल बनाने को मंजूरी दे दी है । जल्द ही यह सेल काम करना शुरू कर देगी । मुख्यमंत्री ने 23 फरवरी को बजट में इसकी घोषणा की थी । गौरतलब है कि नकल के खिलाफ यूपी और हरियाणा में भी सख्त कानून है । वहां पर भी नकल गिरोह की प्रॉपर्टी जब्त करने के प्रावधान वाला कानून है । अब राजस्थान में भी उसी तरह के प्रावधान लागू होने जा रहे हैं ।

परीक्षार्थी ने नकल की तो एक लाख तक जुर्माना

परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है । नकल करते पकड़े जाने पर दो साल तक किसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे । स्कूल – कॉलेज से लेकर हर तरह की परीक्षाओं में नकल करने पर दो साल तक परीक्षा देने पर रोक का प्रावधान भी किया गया है । अभी भी नकल में शामिल परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोकने और परीक्षा से बाहर करने के प्रावधान है ।

नए कानून के दायरे में 10 कैटेगरी के एग्जाम

इस बिल के दायरे में राजस्थान सरकार की हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं , स्कूल – कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लिया गया है । सरकार हर तरह की परीक्षा को इस दायरे में ला सकती है । फिलहाल अभी इसमें सरकारी भर्ती परीक्षाओं , बोर्ड परीक्षाओं सहित 10 कैटेगरी की परीक्षाओं को शामिल किया है ।

1992 के कानून में सख्त प्रावधान नहीं

राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय ) विधेयक 2022 के पास होने के बाद अब नकल और पेपर लीक पर सख्त कानूनी प्रावधान लागू होंगे । दरअसल , राज्य में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए 1992 का कानून बना हुआ है , लेकिन उसमें इस तरह के सख्त प्रावधान शामिल नहीं हैं । परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इस तरह का सख्त कानून उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी बना है । उत्तर प्रदेश में नकल करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान है । हालांकि यह प्रावधान राजस्थान विधानसभा में पास हुए बिल में नहीं है ।

नकल गिरोह में शामिल लोगों की ज़ब्त होगी प्रॉपर्टी

नकल कराने वाले और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है । नकल गिरोह में शामिल हर व्यक्ति पर कम से कम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ तक का जुर्माना हो सकेगा । पेपर लीक और नकल से कमाए गए पैसे के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है । बिल में नकल गिरोह की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान किए गए हैं । परीक्षार्थी अगर नकल गिरोह का सदस्य है तो उसकी सजा और जुर्माना भी गिरोह के बाकी लोगों की तरह ही होगी । ऐसे में 10 साल सजा और 10 करोड़ तक का जुर्माना लग सकेगा । हर तरह की परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा । ऐसा प्रावधान करने से अब ऐसे मामलों में शामिल लोगों की जमानत नहीं होगी । परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की जांच एडिशनल एसपी लेवल का अफसर ही कर सकेगा ।


Leave a Reply