प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में काम करेंगे आंगनबाड़ी केंद्र, पहली बार आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को किताबें मुहैया करा रही सरकार
बुनियादी शिक्षा की नींव को और मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को अब प्री प्राइमरी स्कूल के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया है । पहली बार शासन स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए किताबें भेजी गई हैं । जिले भर के हर केंद्र को कुल 21 किताबें मुहैया कराई जाएंगी । तीन से लेकर छह साल तक के बच्चों के लिए अलग – अलग लाल , नीली व पीली किताबें भेजी हैं । आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिक्षा लेने वाले बच्चे अब सीधे निजी व सरकारी स्कूलों में कक्षा एक में दाखिला ले सकेंगे । जिले में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र हैं । इन केंद्रों पर करीब साढ़े तीन लाख नौनिहाल पंजीकृत हैं ।
अब तक सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों से नौनिहालों को पोषण देने के साथ ही शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देती थी । बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था , लेकिन अब प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शिक्षा पर भी ध्यान दे रही है । अब तक जिस तरह कान्वेंट विद्यालयों में प्री – प्राइमरी के अंतर्गत प्ले ग्रुप ( पीजी ) व किंडर गार्डन ( केजी ) की कक्षाएं संचालित होती हैं , उसी तरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर नन्हें मुन्ने बच्चों को प्री – प्राइमरी के तहत शिक्षा दी जाएगी । प्रदेश सरकार इसके लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए किताबें भेज दी हैं ।
सरकार हर केंद्र पर तीन से छह साल तक के औसतन 21 पंजीकृत मानती है । बच्चे हर केंद्र के लिए शासन स्तर से 21 किताबें ही भेजी गई । तीन से छह साल तक के बच्चों के लिए अलग – अलग तीन श्रेणियों की किताबें भेजी गई हैं । एक आयुवर्ग के लिए कुल सात किताबें हैं । जिले में कई आँगनबाड़ी केंद्र ऐसे , जिन पर संचालिका की तैनाती नहीं है । ऐसे में विभागीय स्तर पर इन केंद्रों पर दूसरे केंद्र की संचालिकाओं को अतिरिक्त जिम्मेदारी दे रखी है डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने इन प्रभारी संचालिकाओं को सप्ताह में तीन तीन दिन दोनों केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं ।
“बुनियादी शिक्षा की नींव और मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है । आंगनबाडी केंद्रों को प्री – प्राइमरी स्कूल की तर्ज पर संचालित किया जाएगा । पहली बार आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए किताबें भेजी गई है । आंगनबाड़ी केंद्र के बाद सीधे बच्चे कक्षा एक में दाखिला ले सकेंगे ।”- श्रेयस कुमार , जिला कार्यक्रम अधिकारी