अभ्यर्थियों ने सही अंक नहीं मिलने का आरोप लगाकर दिया था प्रत्यावेदन

प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूल की शिक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में सही अंक न दिए जाने के अभ्यर्थियों के आरोप की अब जांच हो सकेगी। अब तक जांच इसलिए नहीं हो पा रही थी, क्योंकि ओएमआर शीट व अन्य अभिलेख को जिस कोठार में रखा गया है, उसके ताले की चाभी यूपीटीईटी पर्चा लीक मामले में जेल में बंद तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव के पास है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी की निगरानी में कोठार का ताला खोला जाएगा।

1504 सहायक अध्यापक व 390 प्रधानाध्यापक पदों की भर्ती के लिए पीएनपी ने लिखित परीक्षा अक्टूबर 2021 में कराई थी। इसका परिणाम 15 नवंबर, 2021 को जारी किया गया, जिसमें प्रधानाध्यापक पद के लिए 1722 और सहायक अध्यापक पद के लिए 45, 257 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसके बाद कई अभ्यर्थियों ने सही अंक नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए पीएनपी सचिव से लेकर शासन तक को प्रत्यावेदन दिया। अभ्यर्थियों ने आरोप के साक्ष्य के रूप में ओएमआर शीट की कार्बन कापी भी संलग्न की।

उस दौरान 28 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) प्रस्तावित होने से कोई सुनवाई नहीं हुई। उधर, यूपीटीईटी का प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो जाने से शासन ने तत्कालीन सचिव पर बड़ी कार्रवाई कर दी। उनके जेल भेज दिए जाने के बाद जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा में शिकायत का मामला पीछे छूट गया।

नए सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के आने पर कुछ अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया। इस बीच कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी, जिस पर जवाब मांगा गया है।

इधर, नए सचिव ने शासन को इस संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए 20 दिसंबर, 2021 को प्रस्ताव भेजा। इस पर शासन ने कोठार का ताला जिलाधिकारी प्रयागराज और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को इस संबंध में कमेटी गठित कर कोठार का ताला खोलवाने के निर्देश दिए। विशेष सचिव बेसिक शिक्षा अवधेश कुमार तिवारी के निर्देश पर जिलाधिकारी की ओर से कमेटी का गठन कर दिया गया है।

पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के मुताबिक जल्द ही ताला खुलवाया जाएगा। इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जाएगी। कोठार से मिलने वाली ओएमआर शीट व अन्य अभिलेखों को रजिस्टर पर पंजीकृत करने के बाद आंतरिक समिति गठित कर अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों का परीक्षण कराया जाएगा। विसंगति आने पर शासन के निर्णय के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।


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