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कक्षा एक में छह साल के बच्चे का एडमिशन, अभिभावकों और प्रधानाचार्यों में बढ़ी बेचैनी


कक्षा एक में छह साल के बच्चे का एडमिशन, अभिभावकों और प्रधानाचार्यों में बढ़ी बेचैनी

अलीगढ़। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा एक में प्रवेश की उम्र छह साल तय होने के बाद अभिभावकों और प्रधानाचार्यों में भी बेचैनी बढ़ गई है। एक तरफ उनका मानना है कि छह साल की उम्र में कक्षा एक में प्रवेश देना अच्छी बात है, लेकिन दूसरी तरफ परेशान इस बात से हैं कि अगर बच्चे की उम्र छह साल पूरा होने में दो-तीन महीने बाकी हैं, तो उन बच्चों को प्रवेश मिल पाएगा या नहीं, जबकि वह नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में पढ़ रहे हैं। ज्यादातर बच्चों की उम्र छह साल पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में इन बच्चों को घर बैठना पड़ेगा या कोई ब्रिज कोर्स चलाया जाएगा। इस उधेड़बुन में शिक्षक और स्कूल प्रबंधन है।

प्रधानाचार्यों के बोल

“कक्षा एक में छह साल की उम्र में प्रवेश होगा। अब जन्मतिथि को लेकर फर्जीवाड़ा शुरू होगा, क्योंकि कक्षा एक में आने बच्चे की उम्र पांच साढ़े पांच साल होती है।”- कल्पलता चंद्रहास, प्रधानाचार्या, नीहार मीरा नेशनल स्कूल

“कक्षा एक में बच्चों के प्रवेश की आयु साढ़े पांच साल होनी चाहिए। सरकार ने जो छह साल निर्धारित की है, वह तकनीकी रूप से दिक्कतें पैदा करेगा।”-सुनीता सिंह प्रधानाचार्या, विश्व भारती पब्लिक स्कूल

“सरकार ने कक्षा एक में प्रवेश की उम्र छह साल निर्धारित की है, वह ठीक है। वैसे भी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश छह साल की उम्र ही दिए जाते हैं।”-पारुल जिंदल, प्रधानाचार्या, नारायणी पब्लिक स्कूल

“कक्षा एक में प्रवेश के दौरान बच्चे की उम्र अपवाद को छोड़ दें, तो छह साल हो ही जाती है। छह साल में बच्चों को कक्षा एक की पढ़ाई करने में सुविधा होगी।” -सुधा सिंह, उप प्रधानाचार्या, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल

अभिभावक के बोल

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कक्षा एक में प्रवेश की उम्र छह साल तय की गई है। वह ठीक है, लेकिन जिस बच्चे की उम्र छह साल में दो-चार महीने कम होगी, उन बच्चों को क्या छह साल पूरा होने का इंतजार करने पड़ेगा? अलग से पढ़ाया जाएगा।”- अनुराग गुप्ता, अभिभावक

अधिकारी के बोल

“कक्षा एक में छह साल की उम्र में बच्चे को परिषदीय विद्यालय में प्रवेश दिए जाते हैं। निजी विद्यालयों में छह साल होने दो- चार महीने बाकी हैं, तो प्रवेश को लेकर क्या रणनीति होगी। इसके बारे में अभी शासनादेश नहीं आया है।”- सतेंद्र कुमार, बीसएए

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