आधार सीडिंग में मास्टरजी के सामने अधिकारी हुए फिसड्डी
लखनऊ, डीबीटी के माध्यम से यूनीफार्म का पैसा बैंक खातों में भेजे जाने के लिए बैंक एकाउन्ट से आधार सीडिंग के वेरीफिकेशन के मामले में शिक्षकों ने बाजी मार ली है। करीब 95 फीसदी शिक्षकों ने वेरीफिकेशन का कार्य पूरा कर लिया है जबकि ब्लाक एवं जिले स्तर पर यह कार्य एक चौथाई भी पूरा नहीं हो सका है और डाटा वेरीफिकेशन का अधिकांश कार्य पेंडिंग है। स्कूल महानिदेशालय ने इसे गम्भीरता से लेते हुए सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कड़ा पत्र लिखा है।साथ ही हिदायत दी है कि ब्लाक व जिले स्तर पर इस कार्य को हर हाल में इस माह के अन्त तक पूरा कर लिया जाए। दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों ने अधिकारियों के स्तर पर वेरीफिकेशन के कार्य लंबित होने के लिए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। संगठनों का आरोप है कि लापरवाही या चूक के लिए केवल शिक्षकों को ही दंडित किया जाता है जबकि अधिकारियों की ओर से एक होने पर लीपापोती कर मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यूनीफार्म व बस्ते आदि के लिए उनके माता-पिता अथवा अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से धन भेजे जाने से पूर्व बैंक एकाउन्ट का आधार से सीडिग का वेरीफिकेशन किया जाना है ताकि किसी गलत एकाउन्ट में पैसा न चला जाये। यह कार्य मार्च माह में पूरा कर लिया जाना था लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से इसे हर हाल में अप्रैल के अंत तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। शिक्षकों ने प्रदेश भर में कक्षा एक से आठ तक के पात्र 1,27,35, 311 बच्चों में से 98,89,750 छात्रों के माता-पिता अथवा अभिभावकों के खातों से आधार सीडिंग का वेरीफिकेशन पूरा कर लिया है जबकि खण्ड शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर अभी तक आधे से भी कम अर्थात मात्र 56,58,115 छात्रों का वेरीफिकेशन ही पूरा हो सका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर तो इस कार्य का और अधिक बुरा हाल है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर पात्र छात्रों में से अभी तक मात्र 11,96,988 छात्रों का ही वेरीफिकेशन का कार्य पूरा हो सका है। यह हाल तब है जबकि ग्रीष्मावकाश के बाद 18 जून को स्कूल खुलने वाले हैं।सरकार की योजना है कि स्कूल खुलने से पहले यूनीफार्म व बस्ते आदि के पैसे खातों में भेज दिए जाएं। उधर शिक्षक संगठनों ने स्कूल महानिदेशालय के पत्र को आधार बनाकर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि अधिकारियों के यहां डाटा वेरीफिकेशन का कार्य लंबित है जबकि पूर्व में इस तरह के मामले में किसी भी प्रकार की चूक या लापरवाही पर केवल शिक्षकों के खिलाफ ही कार्रवाई होती रही है।
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