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केंद्रीय कर्मियों के वेतन में अच्छी बढ़ोतरी की संभावना, ऐसे काम करता है फिटमेंट फैक्टर


सरकार महंगाई भत्ता समायोजन के लिए नया फॉर्मूला कर सकती है लागू संकेत

1.90 से 1.95 के बीच रह सकता है फिटमेंट फैक्टर

मूल वेतन को तय किए गए फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके की जाती है बेसिक वेतन में बढ़ोतरी

नई दिल्ली, आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर सरकार जल्द ऐलान कर सकती है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। बताया जा रहा है कि इस बार महंगाई भत्ते को समायोजित करने के लिए नया फॉर्मूला लागू हो सकता है। साथ ही फिटमेंट फैक्टर में भी संशोधित किया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि कर्मियों के वेतन में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

गौरतलब है कि इस साल जनवरी में केंद्र सरकार ने आयोग के गठन का ऐलान किया था। इसके अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही आयोग के लिए संदर्भ शर्ते और कार्यदिश (टर्म ऑफ रेफरेंस) की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। वेतन आयोग के गठन को लेकर भी अनुशंसा पत्र जल्द जारी होगा।

इस बीच फिटमेंट फैक्टर (वेतनमान निर्धारण का आधार) को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ कर्मचारी संगठन मान कर चल रहे हैं कि इस बार यह 2.86 का होगा। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि सरकार बढ़ती हुई महंगाई को ध्यान में रखकर फिटमेंट फैक्टर में भी संशोधन करेगी।

ऐसे काम करता है फिटमेंट फैक्टर

दरअसल, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही मूल वेतन में बढ़ोतरी होती है। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन (बेसिक सैलरी) 20 हजार रुपये हैं तो उसे फिटमेंट फैक्टर 2.86 से गुना किया जाएगा। इसके आधार पर मूल वेतन बढ़कर 57,200 रुपये हो सकता है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि फिटमेंट फैक्टर 2.0 से नीचे ही रहेगा। सरकार 1.90 से लेकर 1.95 का फिटमेंट फैक्टर लगा सकती है। सूत्र यह भी बताते है कि सरकार इस बार फिटमेंट को कम रखकर महंगाई भते को समायोजित करने के लिए अलग से कोई फॉर्मूला ला सकती है।

शिफारिशें लागू होने में लग सकता है समय

केंद्र सरकार ने जनवरी में आठवे वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था लेकिन अभी तक गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में संभव है कि वर्ष 2027 तक जाकर आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो। क्योंकि पुराना रिकॉर्ड बताता है कि किसी भी वेतन आयोग का गठन होने के बाद अंतिम रिपोर्ट आने में 18 से 26 महीने तक का समय लग जाता है। छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट करीब 18 महीने में आई थी।

वहीं, सरकार ने सातवें वेतन आयोग के गठन को 24 सितंबर 2013 को मंजूरी दी थी, जबकि रिपोर्ट करीब दो साल के बाद 19 नवंबर 2015 को आई थी। ऐसे में आठवें वेतन आयोग के गठन में देरी से साफ संकेत हैं कि रिपोर्ट आने में समय लग सकता है।

पिछले वेतन आयोग में बढ़ोतरी

वर्ष 2006 में आए छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1,86 रखा गया था। वर्ष 2016 में आए सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत रहा था। लेकिन वेतनमान में वास्तविक बढ़ोतरी केवल 14.2 फीसदी हुई था। क्योंकि 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट का अधिकांश हिस्सा केवल महंगाई भत्ते को समायोजित करने में चला गया था। जबकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद मूल वेतन में करीब 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।


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