आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार विभागीय मंत्री ने खोली पोल
आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार विभागीय मंत्री ने खोली पोल
लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में हो रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर अब विभाग की मंत्री ने ही मोर्चा खोल दिया है। यही नहीं, मंत्री ने इस संबंध में निदेशक आईसीडीएस को पत्र लिखकर भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की शिकायत की है। साथ ही जिले स्तर पर हो रही भर्ती को रद्द करके इसे प्रदेश स्तर से कराने की मांग की है।
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दरअसल, प्रदेश के सभी जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 52 हजार से अधिक पद खाली हैं। इसपर पिछले साल से ही भर्ती की प्रक्रिया शुरु की गई है। लेकिन तमाम जिलों में भर्ती में अनियमितता की शिकायतों और हाईकोर्ट में याचिका की वजह से भर्ती की प्रक्रिया अब तक पूरा नहीं हो पाई है। लिहाजा अभी भी जिलों में भर्ती की काम चल रहा है।
इसके लिए शासन ने जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डीपीओ) को जिम्मेदारी दे रखी है। हालांकि इसके लिए गठित कमेटी का अध्यक्ष संबंधित जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को नामित किया गया है, लेकिन डीपीओ की बड़ी भूमिका है।
खास बात यह है कि जब से यह भर्ती शुरू हुई तभी से विवादों में घिरी है। इस वजह से कई बार मानकों में बदलाव भी किए गए हैं। इसके बावजूद भर्ती में सेटिंग-गेटिंग का खेल अक्सर सामने आ रहा है। जिला स्तर के अधिकारियों पर मानकों के विपरीत पसंद और नापसंद के आधार पर चयन करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ऐसी तमाम शिकायतें शासन और आईसीडीएस निदेशालय भी पहुंच रही हैं, लेकिन निदेशालय स्तर पर भी उसे दबा दिया जा रहा है।