Old Pension Schemeबेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

पुरानी पेंशन, स्थानन्तरण, तदर्थ व वित्तविहीन शिक्षकों के मुद्दों पर आर-पार के संघर्ष का ऐलान


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रांतीय अधिवेशन संपन्न

प्रदेश के 75 जनपदों से आए शिक्षकों की भारी भीड़ देखकर नेतृत्व मंडल गदगद

लखनऊ:- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रांतीय अधिवेशन गन्ना संस्थान लखनऊ के सभागार में संपन्न हुआ। सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए प्रदेश के सभी 75 जनपदों के शिक्षक पधारे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री रामबाबू शास्त्री ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा की स्कूलों में खेलकूद को अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, सदस्य विधान परिषद देवेंद्र प्रताप सिंह, सदस्य विधान परिषद कुंवर महाराज सिंह, सदस्य विधान परिषद राजबहादुर सिंह चंदेल, पूर्व सदस्य विधान परिषद लवकुश मिश्रा, ने भी संबोधित किया।ग्रीष्मकालीन सम्मेलन में महामंत्री व पूर्व सदस्य विधान परिषद रामबाबू शास्त्री ने संगठन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कोषाध्यक्ष महेश चंद यादव ने संगठन के आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने शिक्षकों के सामने संघर्ष की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि बिना संघर्ष के कुछ मिलने वाला नहीं है। इसलिए सभी लोग संघर्ष के लिए तैयार रहे। प्रदेश में सदस्यता अभियान के लक्ष्य को दोगुना करने का प्रस्ताव रखा गया और कहा गया कि प्रदेश की सभी 75 जनपदों में इस वर्ष सदस्य संख्या को दोगुना से ज्यादा करना है। प्रांतीय सम्मेलन में पुरानी पेंशन बहाली के लिए सतत प्रयास एवम संघर्ष के कार्यक्रम का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। संघर्ष को तीन हिस्सों में बांटते हुएप्रथम चरण में 11 जुलाई से प्रदेश के सभी मंडलों के अपने जनपदों में अलग अलग तिथियों में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों में धरना आयोजित किया जाएगा। धरने के पश्चात उसी दिन जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा। दूसरे चरण में 22 अगस्त को निदेशक कार्यालय पर धरना किया जायेगा। तीसरे चरण में सितंबर में पूरी क्षमता से विधान सभा का घेराव किया जाएगा। इन संघर्षो के साथ संगठन खुद को राष्ट्रीय संगठन का स्वरूप बनाने की ओर बढ़ेगा तथा पुरानी पेंशन बहाली योजना को 2024 के लोक सभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय सरकार को मानने को विवश कर देगा या राज्य सरकार को खुद इसके पक्ष में निर्णय लेने को मजबूर करेगा कार्यक्रम संयोजक डॉ महेंद्र नाथ राय ने संगठन के वर्तमान स्वरूप व समस्याओं पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। शिक्षक समस्याओं पर गंभीर मंथन हुआ और तय किया गया कि सरकार के विरुद्ध सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा।

अधिवेशन में जुलाई और अगस्त माह में उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध बड़े पैमाने पर आंदोलन करने की रणनीति बनाई गई। जिसमें प्रथम चरण में प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालयों पर, द्वितीय चरण में मंडल मुख्यालयों व तीसरे चरण में माध्यमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई।आईटी सेल के प्रांतीय संयोजक संजय द्विवेदी ने कहा कि यह क्रांति का काल है। अगर हम घरों में आराम से बैठे तो हमारी बहुत सारी उपलब्धियां छीन जाएंगी। इसलिए सुख का परित्याग कर संघर्ष के लिए सड़क पर आइए। उन्होंने प्रदेश की सभी 75 जनपदों में आईटी सेल के पदाधिकारियों का चयन करने व वेबसाइट, फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर, इंस्टाग्राम के माध्यम से संगठन की गतिविधियों को जन जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा गया कि संगठन को सूचना की दृष्टि से सशक्त किया जाएगा। इसके पूर्व छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। संगठन की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।सम्मेलन को लवकुश मिश्रा, कुमार श्रीवास्तव, वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ महेंद्र नाथ राय, महेश चंद शर्मा, मारकंडेय सिंह, विनोद कुमार मिश्रा, अनिरुद्ध त्रिपाठी, संजय द्विवेदी, राम मोहन शाही, नरेंद्र सिंह, श्रवण कुमार त्रिपाठी, अजय सिंह, शैलेश कुमार सिंह, वाचस्पति, अरुण कुमार सिंह, नरसिंह बहादुर सिंह, मनोज सिंह, प्रमोद सिंह, विमलेंद्र शर्मा, डॉ. देवेंद्र सिंह, सुलेखा जैन, जगदीश चंद्र व्यास, सुधाकर राव, घनश्याम साहू, अरुण कुमार मिश्रा, अजय प्रताप सिंह, राम पूजन सिंह, गुलाबचंद मौर्य, रामविलास चौधरी, रंजीत सिंह, संजय मिश्रा सहित तमाम लोगों ने भी संबोधित किया।

इन मुद्दों को लेकर संघर्ष का ऐलान

1-पुरानी पेंशन योजना को बहाल की जाए।

2-9 मार्च 2019 को सरकार के साथ हुई निम्न सहमति के बिंदुओं को लागू किया जाए।

(क) तदार्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण आदेश दिनांक 22 मार्च 2016 के विंदू 8 की बाधा को समाप्त करते हुए विनियमितीकरण किया जाए और अद्यतन कार्यरत शिक्षकों को भी विनियमित किया जाए।

(ख) मान्यता की धारा 7 क(क) को 7 (4) में संशोधित करते हुए वित्तविहीन विद्यालय में कार्य शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारित कर मानदेय ₹15000 प्रतिमाह आरटीजीएस प्रणाली से किया जाए।

(ग) माध्यमिक विद्यालय में लंबित अवशेष का भुगतान शीघ्रता से जांच कराकर 3 माह में सुनिश्चित किया जाए।

(घ) माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाए।

(ङ) माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन की सभी स्तर के पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की जाए और इसे सीबीएसई के समतुल्य किया जाए।

3- स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन करते हुए सरलीकरण किया जाए। विगत दो सत्रों से ऑफलाइन व ऑनलाइन की लंबित स्थानांतरण प्रक्रिया को तत्काल लागू किया जाए।

4- वर्ष 2019 से लंबित हाई स्कूल इन मान्यताओं का शासनादेश शीघ्र निर्गत किया जाए।

5-विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाएं उनकी प्रथम नियुक्ति के दिनांक से जोड़कर उनका लाभ दिया जाए।

6-माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन आदि सभी प्रकार के पारिश्रमिक अवशेषों के बकाया का भुगतान किया जाए।

7-31 मार्च 2005 के पूर्व चयनित शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षक कर्मचारियों से संबंधित पेंशन आदेश पत्र संख्या 57/ 04 /2019 PPW(B) दिनांक 17 फरवरी 2020 के अनुसार समाधान के आधार पर पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए।

8-व्यसायिक एवं कंप्यूटर अनुदेशकों को शिक्षक पदों पर समायोजित किया जाए।

9-समान्य शिक्षकों की भांति अल्पसंख्यक विद्यालयों में भी स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।


Related Articles

Leave a Reply

Back to top button