एडी बेसिक व बीएसए को भेजी भाषा गणित विषय पढ़ाने के लिए संदर्शिका
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के 76 लाख से अधिक बच्चों को विशेष रूप से दक्ष बनाने की तैयारी है । इन छात्र छात्राओं ने स्कूल के वातावरण में कभी पढ़ाई नहीं की है ऐसे बच्चों के लिए विभाग ने विशेष माड्यूल तैयार कराए पहली सितंबर से एक लाख 11 हजार 599 विद्यालयों में एक साथ पढ़ाई शुरू होकर लगातार 22 सप्ताह तक चलेगी ।
परिषदीय विद्यालयों में 1.90 करोड़ छात्र – छात्राओं का नामांकन चुका है । उनमें से 76,04,929 बच्चे कक्षा एक से तीन में दाखिल हुए कोरोना की वजह से दो वर्ष विद्यालय बंद रहे बच्चों की कक्षा में पढ़ाई होने से दक्षता प्रभावित हुई । इसलिए उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए योजना बनाई गई । इन बच्चों को तय किताबों से पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में परेशानी होगी । विद्यालयों में कक्षा तीन तक का जो पाठ्यक्रम है उसी के आधार पर विशेष माड्यूल तैयार कराए गए हैं । यह कार्य विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को ही करना है , उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है ।
पहले से निर्धारित साप्ताहिक कैलेंडर टाइम टेबल के अनुसार पढ़ाई होगी महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि विशेष माड्यूल के लिए संदर्शिका सभी सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा है । पहली सितंबर से मार्च 2023 अंत तक संदर्शिका के माध्यम विशेष कक्षाओं का संचालन होगा इसमें भाषा व गणित विषय की पढ़ाई होगी , ताकि बच्चों को अक्षर संख्या का ज्ञान हो सके विद्यालयों में तैयारियां पूरा करने का निर्देश दिया है ।
हर स्कूल को मिलेगी ये सामग्री:
एनसीईआरटी किट , गणित किट निपुण लक्ष्य एप से शिक्षकों को पढ़ाने में सहूलियत मिलेगी । बच्चों मूल्यांकन के लिए सरल एप मिलेगा । इन सबका केंद्र बिंदु संदर्शिका ही रहेगा और उसका समय सारिणी , लेसन प्लान आदि इस्तेमाल होगा ।
अगले चरण में कक्षा चार से आठ :
परिषदीय स्कूलों में अगले चरण कक्षा चार से आठ के लिए विशेष माड्यूल से पढ़ाई कराने की तैयारी है । कक्षा तीन तक के बच्चों ज्यादा नुकसान हुआ है , इसलिए उन्हीं से शुरुआत हो रही है ।
शिक्षाविद बोले, आएगा बदलाव:
पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी कहते हैं कि ये पहल अनुकरणीय , स्कूलों में पढ़ाई पर विशेष जोर होना चाहिए । इसके पहले शिक्षक अन्य कार्यों में व्यस्त रहते थे । नवो दय विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य गिरिजा शंकर कहते कि अभिभावकों को इसमें तेजी दिखानी होगी , ताकि बेहतर पढ़ाई । इस कार्य से प्राथमिक शिक्षा बदलाव आएगा ।