69,000 शिक्षक भर्ती उत्तरकुंजी विवाद में इंतजार बढ़ा

प्रयागराज : प्राथमिक शिक्षा में 69,000 शिक्षक भर्ती की उत्तरकुंजी के एक उत्तर के विवाद में अभ्यर्थियों का इंतजार और बढ़ गया है । अभ्यर्थी इंतजार कर रहे थे कि उनकी अवमानना याचिका पर कुछ निर्णय आ सकता है , लेकिन हाई कोर्ट के डबल बेंच के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सरकार की अपील की जानकारी ने निराश कर दिया । अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने में सरकार ने अधिक समय लगाने दिया , लेकिन अब सुनवाई में रोड़ा न अटकाए , ताकि उन्हें जल्द न्याय मिल सके । अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ल के मुताबिक इस शिक्षक भर्ती की उत्तरकुंजी के एक उत्तर पर एक अंक से चयन से वंचित अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी । प्रश्न था कि ‘ शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है , जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सके । ‘ यह परिभाषा दी गई है : – उत्तर के चार विकल्प थे । ( 1 ) एसएन मुखर्जी द्वारा , ( 2 ) कैम्बेल द्वारा , ( 3 ) वेलफेयर ग्राहम द्वारा , ( 4 ) डा . आत्मानंद द्वारा । इसमें परीक्षा नियामक प्राधिकारी संस्थान ने विकल्प तीन को सही माना , जिसे चुनौती दी गई ।

कोर्ट ने सभी विकल्पों को गलत माना और एक अंक से चयन से वंचित याचियों को एक अंक देकर चयन करने का आदेश 25 अगस्त 2021 को दिया था । काफी समय तक आदेश का अनुपालन न किए जाने पर अभ्यर्थियों की ओर से रमेश कुमार तिवारी व राहुल कुमार मिश्र ने अवमानना याचिका दाखिल की । दो दिन पहले इसकी सुनवाई पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से बताया गया कि सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुकी है । अभ्यर्थियों ने कहा कि अपील में समय लगाकर अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है ।


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