सरकार की कुल कमाई का 60 फीसदी बंटेगा वेतन, पेंशन व ब्याज में

लखनऊ:- गुरुवार को पेश प्रदेश के सबसे बड़े बजट की भारी भरकम धनराशि जो कि 60.7 फीसदी अनुमानित है वह कार्मिकों के वेतन, पेंशन के अलावा लिए गए ऋणों के ब्याज के भुगतान में ही निकल जाएगी। ये ऐसे खर्चें हैं जिसमें चाहकर भी सरकार एक पैसे की कटौती नहीं कर सकती है।राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में स्वयं के कर राजस्व, केंद्रीय करों में राज्यांश, करेत्तर राजस्व तथा केंद्रीय सहायता अनुदानों से कुल 4 लाख 99 हजार 212.71 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति अनुमानित किया है। इसमें सबसे अधिक धनराशि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी (राज्यांश) और राज्यकर जीएसटी व वैट से हासिल होगा।

वेतन मद में ही 153569.66 करोड़ खर्च का है अनुमान

राज्य सरकार की इस कुल कमाई में से सबसे बड़ी धनराशि राज्य कर्मचारियों के वेतन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन और ऋणों पर ब्याज के मद में जाएगी। इन तीनों मदों में ही सरकार के कुल राजस्व से 2 लाख 76 हजार 634.87 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे। इसमें भी सबसे बड़ी धनराशि वेतन मद में 153569.66 करोड़ रुपये जाएगा।पेंशन भुगतान में 77077.75 रुपये खर्च होगा। वचनबद्ध खर्चों में तीसरे नंबर पर ब्याज का भुगतान है। इस मद में सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 45987.46 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान किया है यानी सरकार की कुल कमाई में 33.7 फीसदी वेतन तथा 16.9 फीसदी कमाई पेंशन में चली जाएगी।यह ऐसे खर्च हैं, जिनका भार साल दर साल सरकार के बजट पर भारी ही हो रहा है। यह भी सत्य है कि सरकार विभिन्न मदों में राजस्व इन कार्मिकों के बूते ही हासिल करती है। हालांकि सरकार बजट में इन मदों में होने वाले खर्च का अनुमान करते हुए धनराशि का प्राविधान करती है। वास्तविक आंकड़ें आने पर अनुमान राशि में 20 से 30 फीसदी तक कमी हो जाया करती है। वचनबद्ध व्यय की श्रेणी में ऋणों का भुगतान, ऋण सेवा भी आते हैं।

वेतन-पेंशन व ब्याज का राजस्व व्यय (बजट अनुमान)

2020-21—————-237147.21 करोड़ रुपये

2021-22—————-256572.13 करोड़ रुपये

2022-23—————-276634.87 करोड़ रुपये


Leave a Reply