लखनऊ:- प्रदेश के आंगनबाड़ी जाने वाले तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को राज्य सरकार जूता-मोजा देगी। वहीं इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में फर्नीचर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। अभी यहां दरी बिछाई जाती है।इसके साथ ही तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए हॉट कुक्ड मील का वितरण भी शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल विकास पुष्टाहार विभाग की इस योजना पर सहमति दे दी है।विभागीय प्रस्तुतिकरण में बच्चों को जूते-मोजे उपलब्ध करवाने पर सहमति बन गई है। प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में वर्तमान में 49,31,714 बच्चे पंजीकृत हैं। सरकार प्राइमरी स्कूलों में भी जूते-मोजे अपने बजट से देती है, अब इसमें प्री-प्राइमरी के बच्चे भी शामिल होंगे। दो साल के अंदर जूते-मोजे खरीद कर वितरित कर दिए जाएंगे।

सभी आंगनबाड़ी केन्द्र फर्नीचर से होंगे लैस

पांच वर्षों में सभी केन्द्रों पर प्री-प्राइमरी के अनुरूप फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। पहले वर्ष में 20 फीसदी केन्द्रों पर और दूसरे वर्ष में 40 फीसदी और बाकी के तीन वर्षों में बचे हुए केन्द्रों पर फर्नीचर पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में 1.89 लाख केन्द्र हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा ही जाएगा। साथ ही कॉर्पोरेट सेक्टर से सीएसआर के तहत भी फर्नीचर लिया जा सकेगा। सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने ‘एक संग एप लांच किया है। इसके माध्यम से भी फर्नीचर जुटाया जाएगा। पिछले वर्ष से ही सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्री प्राइमरी की पढ़ाई शुरू करवाई है।

फिर से शुरू होगी हॉट कुक्ड यानी मार्निंग स्नैक योजना

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिड डे मील की तर्ज पर मार्निंग स्नैक योजना फिर से शुरू करने पर भी सहमित बन गई है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद विभाग इसकी कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। यह योजना 2006 की है लेकिन 2016 से यह बंद चल रही है। इसे लागू करने के बाद केन्द्रों पर बच्चों की संख्या बढ़ गई थी। मिड डे मील की तर्ज पर पोषाहार के अलावा यहां तहरी, रोटी-सब्जी, खीर आदि दी जाती थी। वर्ष 2013 में अनियमित तरीके से भुगतान करने के कारण इसकी जांच हुई। हॉट कुक्ड बनाने का तरीका बदला गया और प्रधानों के साथ कार्यकत्रियों के संयुक्त खाते में पैसा भेजा गया लेकिन यह सफल नहीं हुआ।


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