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प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2021: UPTET का कार्यक्रम/समयसारिणी जारी होते ही नई शिक्षक भर्ती का भी रास्ता साफ


 प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2021: UPTET का कार्यक्रम/समयसारिणी जारी होते ही नई शिक्षक भर्ती का भी रास्ता साफ

प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2021 सूबे के परिषदीय विद्यालयों में सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती पूरी करने के बाद योगी सरकार अब खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। कल UPTET का कार्यक्रम जारी होते ही नई शिक्षक भर्ती का भी रास्ता साफ हो गया है।

योगी सरकार शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।

लखनऊ । सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती पूरी करने के बाद योगी सरकार अब खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा (UPTET) का कार्यक्रम जारी होते ही नई शिक्षक भर्ती का भी रास्ता साफ हो गया है। स्कूलों में शिक्षकों के करीब 70 हजार से अधिक पद खाली हैं। इस हिसाब से नई शिक्षक भर्ती अब तक की सबसे बड़ी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती का ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी भी कर सकते हैं। सीएम योगी के निर्देश पर राजस्व परिषद अध्यक्ष मुकुल सिंघल की अगुवाई में बनी तीन सदस्यीय कमेटी रिक्त पदों और विद्यालयों के पद निर्धारण प्रक्रिया को लगभग पूरा कर चुकी है। अभ्यर्थी भी नई शिक्षक भर्ती की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। अब जबकि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की तारीख की घोषणा कर दी गई तो उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षक भर्ती का भी ऐलान हो सकता है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद में 51,112 रिक्त पदों का हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी थी। सरकार की तरफ से भर्ती की घोषणा भी की गई थी। पिछले वर्षों में हुई शिक्षक भर्ती के खाली पदों को नई शिक्षक भर्ती में जोड़ा जा सकता है। इधर के वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले व कोरोना काल में कालकवलित हुए शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। संकेत हैं कि कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी, क्योंकि विलंब होने पर भर्ती विधानसभा चुनाव से पहले पूरी हो पाना मुश्किल होगा।

बता दे कि उत्तर प्रदेश में निःशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू है। उसी की सिफारिशों के अनुरूप 2018 में शिक्षकों का पद निर्धारण करते हुए स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक पद का अनुमोदन नहीं हुआ लेकिन, सरकार ने इन पदों को खत्म नहीं किया है। स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात दुरुस्त करने के लिए 2019 में भी पद निर्धारण प्रक्रिया चली।


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