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प्रयागराज के 19 परिषदीय विद्यालयों को बंद करने की है योजना


 प्रयागराज के 19 परिषदीय विद्यालयों को बंद करने की है योजना

प्रयागराज:- किराए के कमरों में संचालित और मूलभूत सुविधाओं से वंचित शहर के 19 परिषदीय स्कूल बंद करने की सिफारिश की गई है। इन स्कूलों के बच्चों को आसपास के विद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी से चार अन्य सरकारी स्कूलों के स्थान पर नए भवन निर्माण की संस्तुति की गई है।

ऐसे स्कूलों के संबंध में 24 दिसंबर 2020 को शासनादेश जारी हुआ था। इसके बाद तत्कालीन बीएसए ने 31 दिसंबर 2020 को नगर क्षेत्र के तीन खंड शिक्षाधिकारियों रमाकान्त सिंह सिंहरौल, सुमन केसरवानी और ज्योति शुक्ला की तीन सदस्यीय समिति गठित कर स्थलीय निरीक्षण कर सुसंगत प्रस्ताव मांगा था। टीम ने 29 जून को नगर क्षेत्र के 23 स्कूलों के संबंध में बीएसए को रिपोर्ट भेजी। अधिकांश स्कूलों के मकान मालिकों ने वित्तीय हालात ठीक न होने का हवाला देकर मानक के अनुसार अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है। स्कूल भवन जर्जर होने से स्कूल शीघ्र खाली करने के लिए अनुरोध किया है।

ये स्कूल है शामिल:-

प्राथमिक विद्यालय नखास कोहना, करेलाबाग गांव कन्या विद्यालय, करेलाबाग कॉलोनी प्रथम, रानीमंडी कन्या, रानीमंडी बालक, मिंटो पार्क कीडगंज, मीरापुर प्रथम, करेली कन्या, मुंशी राम प्रसाद की बगिया, कटघर, मालवीय नगर, पुराना लूकरगंज, कर्नलगंज, दरियाबाद, गयासुद्दीनपुर, पीडी टंडन मार्ग, मोरी दारागंज, बक्शी बाजार व सरोजनी नायडू मार्ग स्थित स्कूल को बंद करने की सिफारिश की गई है।

चार स्कूलों की जगह नए भवन बनाने की संस्तुति:-

एक कमरे में संचालित प्राथमिक विद्यालय कसारी-मसारी में 81 बच्चे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय नैनी द्वितीय के पांच कमरों में 146 बच्चे हैं। आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय शिवकुटी के 3 कमरों में 32 और प्राथमिक विद्यालय सीएटीसी बम्हरौली के 5 कमरों में 91 बच्चे पढ़ रहे हैं। इन सभी स्कूलों के पास सरकारी जमीन है जिसे जिलाधिकारी से आवंटित कराकर नए भवन निर्माण की सिफारिश की गई है।

इन विद्यालयों के 1108 बच्चे होंगे प्रभावित:-

नगर क्षेत्र के इन 19 स्कूलों में पंजीकृत 1108 बच्चों को आसपास के स्कूलों में भेजा जाएगा। चार अन्य स्कूल जहां नए भवन बनने की संस्तुति की गई है, उनके 350 बच्चे भी आसपास के स्कूलों में भेजे जाएंगे और नया भवन बनने के बाद वापस लाए जाएंगे।

जर्जर भवन, शौचालय-पानी न खेल का मैदान:-

किराए के कमरों वाले जिन स्कूलों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें से अधिकांश का भवन जर्जर है। शौचालय और खेल के मैदान नहीं है। कुछ स्कूलों में पेयजल तक उपलब्ध नहीं है। प्राथमिक विद्यालय नखास कोहना का भवन 100 साल पुराना है। यहां खेल का मैदान नहीं है। प्रा. विद्यालय करेलाबाग गांव कन्या विद्यालय में शौचालय व खेल का मैदान नहीं है। प्राथमिक विद्यालय ग्यासुद्दीनपुर में पेयजल सुविधा नहीं है।

“नगर क्षेत्र के किराए के भवनों में संचालित स्कूलों के संबंध में खंड शिक्षाधिकारियों की रिपोर्ट मिली है। उसे क्रास चेक कराने के बाद विभाग व प्रशासन के उच्च अधिकारियों से वार्ता कर आगे कोई कार्रवाई करेंगे।

-प्रवीण तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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