……तो इस वजह से यूपी के आठ हजार पीएफ अंशधारकों के फंस गए क्लेम
कानपुर: छह बैंकों के विलय से पीएफ सदस्यों के क्लेम फंसने लगे हैं इसलिए ईपीएफओ ने अंशधारकों को साफ कर दिया है कि विलय के बैंक खातों को पीएफ सदस्य तत्काल केवाईसी से अपडेट कर लें। पुराना खाता ईपीएफओ का सिस्टम रिजेक्ट कर देगा। केवाईसी अपडेट करने की जिम्मेदारी पीएफ सदस्यों की ही है, इससे नियोक्ता या ईपीएफओ का सरोकार नहीं है। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ है।बैंक ऑफ बड़ौदा में देना और विजया बैंक का, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय हो चुका है। जिन पीएफ सदस्यों ने विलय के बाद भी पीएफ खाते में बैंक अकाउंट का बदलाव नहीं किया है, उनके क्लेम फार्म रिजेक्ट हो गए हैं। ऐसे सूबे में आठ हजार सदस्य हैं जिनके फार्म लौट चुके हैं। ईपीएफओ ने पेंशनरों को भी हिदायत दे दी है कि वे भी आईएफएफसी के साथ बैंक खाते को बदल लें अन्यथा पेंशन भी रुक जाएगी।
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त अमूलराज सिंह के मुताबिक सिस्टम में बदलाव खुद सदस्यों को करना होगा क्योंकि सिस्टम पुराने बैंक खाते में क्लेम और पेंशन नहीं लेगा।