झटका : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में महंगी हो सकती है पढ़ाई, यूजीसी ने विश्वविद्यालय के कई मदों में की है कटौती
रिकरिंग नॉन सैलरी ग्रांट में यूजीसी ने की 40 फीसदी कटौती
आंतरिक स्रोतों की तलाश के लिए फीस बढ़ाए जाने की तैयारी
प्रयागराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में पढ़ाई महंगी हो सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इविवि का रिकरिंग नॉन सैलरी हेड का 40 फीसदी बजट कम कर दिया है। यूजीसी के इस कदम से इविवि प्रशासन के सामने चुनौतियां बढ़ गईं हैं और कई महत्वपूर्ण मदों पर खर्च को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को अब अपने स्नोतों से धनराशि जुटानी होगी। ऐसे में इविवि प्रशासन फीस बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।यूजीसी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि रिकरिंग नॉन सैलरी ग्रांट का 40 फीसदी बजट घटाया गया है। इस मद में बिजली का बिल, जलकर, गृहकर, सुरक्षा, गेस्ट फैकल्टी, बिल्डिंग मरम्मत एवं रखरखाव, पुस्तकालय में जर्नल एवं किताब आदि के खर्च पूरे किए जाते हैं।
इस कटौती के बाद विश्वविद्यालय को अब इन खर्चों के लिए अपने आंतरिक संसाधन जुटाने होंगे। पिछले कुछ वर्षों से यूजीसी लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि विश्वविद्यालय को ये खर्च अपने आंतरिक आय के स्नोतों से पूरे करने चाहिए। विश्वविद्यालय में पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से फीस नहीं बढ़ाई गई है। इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर के अनुसार विश्वविद्यालय में छात्रों की मासिक फीस अब भी महज 100 रुपये है, जिससे विश्वविद्यालय के इन व्ययों को पूरा करा पाना असंभव है। यूजीसी से इस तरह की कटौती के बाद अब विश्वविद्यालय को अपने आंतरिक स्रोतों को तलाशना होगा, जिनमें छात्रों की फीस बढ़ाने जैसे कदम उठाने आवश्यक हो जाएंगे, ताकि विश्वविद्यालय का रोजमर्रा का कार्य चल सके।अमर उजाला