जनपद के 124 परिषदीय विद्यालय हुए स्मार्ट, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने सुविधा का किया लोकार्पण, बच्चों की हाजिर जवाबी ने जीता दिल

वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के 124 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 25 हजार से ज्यादा बच्चे शुक्रवार को पूरी तरह डिजिटल हो गए। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों में बने स्मार्ट क्लास का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इसके बाद बच्चों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से वीडियो देखकर पढ़ाई की। इस दौरान बच्चे खुश नजर आ रहे थे। इसके अलावा सर्किट हाउस में हुई मंडलीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कायाकल्प के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान विद्यालयों में कायाकल्प से जुड़े सभी कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया।

उन्होंने स्मार्ट क्लास में बैठ कर बच्चों से कुछ सवाल पूछे जिसका बच्चों ने सही जवाब दिया। उन्होंने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोष और विद्यालय के अध्यक्ष ओमप्रकाश के प्रयासों की सराहना की। बेसिक शिक्षा मंत्री आराजीलाइन के प्राथमिक विद्यालय सिहोरवां पहुंचे। जहां उन्होंने विद्यालय की शिक्षण गतिविधियों और विद्यालय की सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ बीईओ रमाकांत पटेल मौजूद रहे।


मंत्री के सवालो के बच्चों की हाजिर जवाबी ने जीता दिल

प्राथमिक विद्यालय मूंगवार का निरीक्षण करते समय कक्षा तीन की छात्रा रितिका ने एक बार में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों व मंडल का नाम बता दिया। छात्र अनुज ने राज्यों व ग्रहों के नाम बताए। बच्चों की हाजिर जवाबी से खुश होकर मंत्री ने दोनों बच्चों को पुरस्कृत किया। इस दौरान एडी बेसिक अवध किशोर सिंह, बीएसए राकेश सिंह, पंकज कुमार, ओंकार मिश्रा, संतोष दुबे, कमलेश वर्मा, अरविंद मौजूद रहे। 

पुलिस अफसर बन करेंगी समाज की रक्षा

कच्छवां रोड। पूर्व माध्यमिक विद्यालय ठठरा के स्मार्ट क्लास के उद्घाटन के दौरान जब मंत्री ने छात्रा काजल से पूछा कि वह पढ़ लिखकर क्या बनेगी तो उसने बताया कि वह पुलिस ऑफिसर बन समाज रक्षा करना चाहती है। इस दौरान विद्यालय की रसोइया ने मानदेय बढ़ाने की मांग की। इसपर मंत्री ने मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखने का आश्वासन दिया।

रसोइया ने की काम से हटाने की शिकायत

भटौली कंपोजिट विद्यालय देहली विनायक में पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी से विद्यालय की सुशीला देवी व देवी ने रसोई पद से हटाने पर पत्रक देकर शिकायत की। आरोप लगाया कि मानदेय भी नहीं मिला। मंत्री ने इसकी जांच का आदेश दिया।


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