उच्च शिक्षा को सात विश्वविद्यालय और 50 डिग्री कालेज देंगे रफ्तार, ’प्राइमरी व इंटर कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर
लखनऊ : प्रदेश में छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई। 250 नए इंटर कालेजों के साथ 1.38 प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प किया गया। उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को दूर न जाना पड़े इसके लिए प्रदेश में सात नए विश्वविद्यालय व 50 महाविद्यालय बनाए जा रहे हैं। 35 नए राजकीय आइटीआइ की स्थापना कर युवाओं के कौशल विकास का सपना पूरा किया जा रहा है।सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। सात नए विश्वविद्यालयों व 50 डिग्री कालेजों के साथ लखनऊ में स्टेट फारेंसिक इंस्टीट्यूट का निर्माण किया जा रहा है।
यहां फारेंसिक जांच के साथ छात्र फारेंसिक साइंस विषय में पढ़ाई कर सकेंगे। सीएम ने कहा कि फारेंसिक जांच में महीनों लगते थे लेकिन, कमिश्नरी स्तर पर फारेंसिक व साइबर लैब स्थापित की गई है। इससे अपराधों से जुड़ी फारेंसिक जांचों में तेजी आएगी।प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को बेहतर पढ़ाई का माहौल देने के लिए आपरेशन कायाकल्प शुरू हुआ। इसमें बच्चों के लिए शौचालय, बैठने के लिए बेंच, आकर्षक शिक्षण कक्षों का निर्माण हुआ। सुविधाएं बढ़ने के साथ स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। सरकार ने 250 नए इंटर कालेज शुरू किए। शिक्षकों के 5987 नए पदों पर भर्ती कर कालेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में इजाफा किया। श्रमिकों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा के लिए 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना कर गरीब बच्चों के सपनों को पूरा किया। यूपी बोर्ड के मेधावी विद्यार्थियों के गांवों तक एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ का निर्माण किया। बालिकाओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए 107 विकासखंडों में बालिका छात्रवास का निर्माण भी कराया जा रहा है। छात्रों के कौशल विकास का कार्य भी सरकार कर रही है। खासकर एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए सभी आइटीआइ में निश्शुल्क ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है और पांच नए ट्रेड भी शुरू किए गए हैं।