Aadhaar-PF Link Last Date : देश में 1 सितंबर से कई जरूरी बदलाव (New Rules Changes from 1st September) हो रहे हैं, जो आम उपभोक्ताओं से लेकर वेतनभोगियों के लिए जानना बेहद आवश्यक हैं. अगर आपने आधार और पीएफ खाते को लिंक कराने जैसे जरूरी काम नहीं निपटाएं हैं तो देर न करें. आधार पैन लिंकिंग की समयसीमा खत्म होने के महज दो दिन ही बचे हैं. अगर आपने इन दो दिनों में EPFO पोर्टल पर आधार और पीएफ अकाउंट की लिंकिंग नहीं कराई तो आप अपने पीएफ खाते से रकम नहीं निकाल पाएंगे. आपको कई अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है. कारोबारियों के लिए भी GST रिटर्न (GST Return) समेत कई नियम बदल रहे।
आधार-यूएएन लिंकिंग के दो दिन शेष
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा है कि 1 सितंबर से पीएफ की राशि उन्हीं कर्मचारियों के खाते में भेजी जाएगी, जिनका आधार नंबर और पीएफ का यूनीवर्सल अकाउंट नंबर (Universal Account Number) से लिंक हुआ होगा. ईपीएफओ ने कहा है कि यूएएन (UAN) को आधार को लिंक कराना अंशधारकों के लिए अनिवार्य है. अन्यथा पीएफ खाताधारकों को अकाउंट में पीएफ राशि हस्तांतरित होने के अलावा, एडवांस निकालने जैसी कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा. ऐसे में न तो कर्मचारियों और ना ही कंपनियों का पीएफ योगदान खाते में जाएगा।
SBI ने पैन लिंक किया अनिवार्य
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक (SBI customers) बड़ी राशि के लेनदेन में दिक्कत आ सकती है, अगर वो अपने आधार को पैन से लिंक नहीं कराते हैं. SBI ने अपने ग्राहकों से कहा है कि हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन के लिए आधार और पैन को लिंक (Aadhaar PAN Link Last Date) कराना आवश्यक होगा. हालांकि अब इसकी समयसीमा 30 सितंबर तक स्टेट बैंक ने बढ़ा दी है.ऐसे में अगर आप 50 हजार या उससे ज्यादा राशि के लेनदेन एसबीआई खाते से करते हैं तो बिना लिंकिंग के ये संभव नहीं हो पाएगा।
चेक से बड़े लेनदेन पर रखें ये ध्यान
रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ी राशि के चेक के लेनदेन के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) सभी बैंकों से लागू करने को कहा है. इसके तहत 50 हजार या उससे अधिक का चेक आप दे रहे हैं तो इसकी जानकारी अपने बैंक को नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या फिर बैंक शाखा जाकर देनी होगी. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो चेक रिजेक्ट (Cheque Clearance) किया जा सकता है. एसबीआई समेत कई सरकारी बैंकों ने इसके लिए न्यूनतम 50 हजार रुपये की सीमा रखी है. जबकि कई निजी बैंकों में इसके लिए न्यूनतम राशि ज्यादा है. इससे बैंक धोखाधड़ी या गैरकानूनी लेनदेन से बचा जा सकेगा।
News Source-NDTV